अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का मैनपाट महोत्सव सरगुजा संभाग का सबसे लोकप्रिय सांस्कृतिक महोत्सव की श्रेणी में आता है। मैनपाट में महोत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष जनवरी से फरवरी माह के बीच में जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित किया जाता है। इस वर्ष कोरोना की तीसरी लहर को को ध्यान में रखते हुए 11 से 13 मार्च के बीच इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मैनपाट महोत्सव मनाए जाने का प्रमुख उद्देश्य यहां के लोक संस्कृति व पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना है।

मैनपाट सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर से 54 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से लगभग 3500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पर्यटन स्थल अत्यंत खूबसूरत एव लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र ना सिर्फ़ छत्तीसगढ़ में बल्कि पूरे भारत में इसलिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि तिब्बती शरणार्थियों को भारत सरकार द्वारा देश में केवल दो ही स्थान पर बसाया गया था उसमें से एक स्थान सरगुजा जिले का यही सुदूर पहाड़ियों पर स्थित मैनपाट है। मैनपाट में स्थित बौद्ध मंदिर बहुत ही खूबसूरत एवं देखने योग्य है। मैनपाट महोत्सव के आयोजन से बाहर से आए पर्यटकों को यहां के लोक संस्कृति तथा पर्यटन को और करीब से देखने को मिलता है। तीन दिवस तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में स्थानीय खेलकूद प्रतियोगिता तथा विभिन्न साहसिक क्रीड़ा तथा सांस्कृतिक आयोजन स्थानीय स्तर, राज्य स्तर व राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के द्वारा प्रस्तुति दी जाती है। 3 दिनों तक यहां का वातावरण एक त्यौहार की तरह होता है। वर्ष भर राज्य भर से पर्यटक यहां आने वाले मैनपाट महोत्सव का इंतजार करते हैं। यहां के पर्यटन स्थल जैसे उल्टा पानी, टाइगर पॉइंट, मेहता पॉइंट, जंपिंग पॉइंट जलजली, फिश पॉइंट, एप्पल गार्डन, सनसेट पॉइंट परपटिया बहुत ही प्रसिद्ध स्थल है। यहां पर टाऊ की खेती होती है साथ ही एप्पल गार्डन भी देखने लायक है यहां एक स्लोगन बहुत ही फेमस है

’’मुस्कुराइए आप मैनपाट में हैं।’’

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