रायपुर: शहरों की बढ़ती आबादी, वाहनों की बढ़ती संख्या और यातायात की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए राज्य शासन ने शहरी क्षेत्रों में पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 में संशोधन करते हुए अब कड़े प्रावधान किए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य पार्किंग के लिए निर्धारित स्थलों पर अन्य निर्माण को हतोत्साहित करना तथा पार्किंग व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखना है। अधिनियम में यह संशोधन छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक 2022 के अनुसार किए गए हैं। इस संशोधन के जरिये अपीलार्थियों को राहत भी दी गई है। उन्हें अपील लंबित रहने की अवधि में अब अधिकतम एक वर्ष का ही भाड़ा देना होगा, जबकि पूर्व में उन्हें नियमित भाड़ा देना होता था।

इस आशय की अधिसूचना का प्रकाशन नवा रायपुर अटल नगर आवास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ राजपत्र में 14 जुलाई 2022 को कर दिया गया है। जिसके नियम का प्रकाशन 02 अगस्त 2022 को किया गया। नियम प्रकाशित होने के बाद अब कल 03 अगस्त 2022 से नये नियमों के तहत नगर निगमों तथा नगर पालिकाओं में जमा कराए जा सकेंगे। निगम, पालिका के बाहर निवेश क्षेत्र के अंदर टीसीपी में आवेदन जमा कराए जाएंगे।

अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि यदि अधिकृत विकास निर्धारित पार्किंग हेतु आरक्षित भू-खण्ड/स्थल पर किया गया है, तो नियमितिकरण की अनुमति तभी दी जाएगी जब आवेदन द्वारा पार्किंग की कमी हेतु निर्धारित अतिरिक्त शास्ति राशि का भुगतान कर दिया गया हो।

जारी अधिसूचना के अनुसार विधेयक में छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 के मूल अधिनियम की धारा 04 की उपधारा (2) के खण्ड (पांच) को प्रतिस्थापित करके नगर तथा ग्राम निवेश विभाग का जिले का प्रभारी अधिकारी/संयुक्त संचालक/उपसंचालक/सहायक संचालक किया गया है। अधिनियम के खण्ड(चार)(क) में निर्धारित प्रयोजन से भिन्न भूमि के उपयोग परिवर्तन करने पर उस क्षेत्र की भूमि के लिए वर्तमान में प्रचलित कलेक्टर गाईड लाईन दर का 5 प्रतिशत अतिरिक्त शास्ति लगाने का प्रावधान किया गया है।

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