अंबिकापुर: परसा कोयला परियोजना के पास के करीब 1000 ग्रामीण आज छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री और सरगुजा विधायक टी एस सिंहदेव से ग्राम बासेन के मिनी स्टेडियम में मुलाकात कर उनसे खदान जल्द-से-जल्द शुरू करने के लिए अनुरोध किया। ग्रामीणों ने अपने आवेदन में बताया की खदान परियोजना के शुरु होने से उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे और क्षेत्र का विकास संभव होगा

ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से सिंहदेव को बताया की वे वर्ष 2012 -13 से पीईकेबी खदान में रोजगार प्राप्त कर जीवन यापन कर रहे हैं। गत दो वर्षों में जब लोग कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक समस्या से परेशान थे तब भी इसी परियोजना के चलते किसी प्रकार की आर्थिक समस्या का सामना उन्हें नहीं करना पड़ा था| “साथ ही साथ शासन की स्वीकृति पश्चात और हम ग्रामीणों की सहमति से ही खदान के विस्तार का कार्य घाटबर्रा के जंगल की ओर किया जा रहा है। जिसमें बाधा डालने कुछ बाहरी लोग एकत्र होकर चल रहे कार्यों में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं। जिसकी वजह से जमीन न होने से खदान बंद होने की कगार में आ गयी है,” ग्रामीणों ने अपने पत्र में लिखा|

परियोजना के द्वारा उनके जीवन में आये सकारात्मक बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने ये भी लिखा की कोयला खनन कार्य के चलते ही ग्राम के बच्चों और युवाओं को अच्छी शिक्षा और महिलाओं को आजीविका संवर्धन में भी कई तरह की सहायता मिल रही है। यही नहीं ग्राम विकास के लिए कई तरह के कार्य भी संचालित किये जा रहे हैं जिससे वहां के निवासियों का जीवन यापन काफी अच्छा और आधुनिक होने लगा है तथा प्रस्तावित १०० बिस्तरों के अस्पताल से बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध होगी। वहीं इसके बंद होने से सभी गावों के लगभग 5,000 से ज्यादा लोगों के सामने रोजगार की विकट समस्या खड़ी हो सकती है और पिछले दिनों की तरह जिले से लोगो को रोजीरोटी के लिए राज्य और देश के अन्य हिस्सों में पलायन करना पड़ेगा।इसके साथ ही इस परियोजना के कारण चल रहे CSR कार्यक्रम, जो की हज़ारों परिवारों का सशक्तिकरण कर रहे हैं, उन्हें भी धक्का लगेगा।

कोयला खदान के समर्थन में आए हजारों की संख्या में ये ग्रामीण साल्हि, फत्तेहपुर, घाटबर्रा, जनार्दनपुर, परसा इत्यादि गावों से आये थे और अपने प्रार्थना प्रस्ताव में ये भी उल्लेखित किया की पीईकेबी कोयला खनन परियोजना में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप पर रोक लगे और परियोजना का विस्तार किया जाये |

उल्लेखनीय है कि उक्त सम्बन्ध में इन सभी ने गत दिनों सांसद और कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गाँधी को पत्र लिखकर परियोजना के विस्तार और नई परियोजनाओं के परिचालन के लिए हस्तक्षेप के लिए गुहार लगाई थी। उन्होंने लिखा था की पीईकेबी परियोजना के लिए हमने अपनी जमीन स्वेच्छा से दी थी और खदान में नौकरी करते हुए अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे है लेकिन अब वनभूमि की अनुलब्धता की वजह से खदान बंद होने पर हम सभी के सामने एक बार फिर बेरोजगार होने का खतरा मंडराने लगा है। इस चिट्ठी की कापियां छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री क्रमशः भूपेश बघेल और अशोक गेहलोत , जिला कलेक्टर सरगुजा एवं सूरजपुर को प्रेषित की गयी थी| इसके पूर्व चार माह पहले कोयला परियोजना के ग्राम जनार्दनपुर, साल्हि, परसा, घाटबर्रा, फत्तेहपुर इत्यादि गाँव के हजारों प्रभावित ग्रामीणों द्वारा खदान जल्द से जल्द खोलने के पक्ष में सरगुजा जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया गया था।

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