रायपुर: छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा हाट परिसर, पंडरी में आज सादे समारोह में दस दिवसीय हस्तशिल्प एवं हाथकरघा वस्त्रों की ‘‘दीपावली महोत्सव’’ का प्रदर्शनी-सह-विक्रय का शुभारंभ किया गया। दस दिवसीय ‘‘दीपावली महोत्सव’’ का आयोजन 12 से 21 अक्टूबर तक किया जा रहा है। इस त्योहार के सीजन में यह प्रदर्शनी राजधानीवासियों को लुभा रही है।
यहां पर 75 से भी अधिक स्टॉल और एक फूड जोन भी लगाए गए हैं, जहां पर लोगों को छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ भी उठा रहे हैं। प्रदर्शनी में आयी कचना निवासी नाव्या वर्मा ने बताया कि वह पहली बार यहां आयी हैं। यह एक सुखद अवसर है। यहां पर विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प और हाथकरघा वस्त्रों की अनुपम संग्रह है। इसी प्रकार बालोद जिला निवासी दिलीप राठी ने बताया कि उनका यहां आना एक संयोग रहा है। त्यौहार के इस सीजन में यहां पर खरीददारी के लिए सुप्रसिद्ध शिल्पकला, हाथकरघा वस्त्र और साज-सज्जा सामग्रियां उपलब्ध है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य हस्तशिल्पकारों एवं बुनकरों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराना है।
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक शंकरलाल धु्रर्वे ने बताया कि आज ’’दीपावली महोत्सव’’ का सादे समारोह में शुभारंभ किया गया। इस दस दिवसीय ‘‘दीपावली महोत्सव में हस्तशिल्पकारों को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। शुभारंभ के पहले दिन से ही लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं। इस प्रदर्शनी-सह-विक्रय में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प ढोकरा शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, शीसल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प और छोद कांसा के 35 शिल्पकार एवं हाथकरघा वस्त्रों में कोसे की साड़ियां, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल, बेडशीट एवं विभिन्न प्रकार की रेडीमेड वस्त्र के साथ 25 बुनकर समितियां ने अपने स्टॉल लगाए हैं। इसी तरह माटी शिल्प की विभिन्न सजावटी वस्तुएँ, उपयोगी सामग्रियों के साथ 10 माटीकला शिल्पकार, खादी बोर्ड के 2 एवं बिलासा के 1 हितग्राही अपने उत्पादों के साथ अपनी कला का प्रदर्शन-सह-विक्रय कर रहे हैं। दस दिवसीय हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी में ग्राहकों को उनकी पसंद के अनुरूप गृह-उपयोगी एवं साज-सजावट की सामग्री उचित दामों पर उपलब्ध रहेगा। ‘‘दीपावली महोत्सव’’ आम लोगों के लिए प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली रहेगी।