सूरजपुर: छतीसगढ़ के सूरजपुर जिले के वन परिक्षेत्र प्रतापपुर में प्यारे हाथी का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्राम परमेश्वरपुर में एक ही रात में प्यारे हाथी ने छह ग्रामीणों के घरों को ध्वस्त कर दिया। साथ ही फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। बता दें कि वन परिक्षेत्र प्रतापपुर के परमेश्वरपुर में इस जंगली हाथी ने आतंक मचा रखा है। जिसके कारण ग्रामीण जान बचाने के लिए रात में अपने घरों के बाहर रतजगा कर रहे हैं और प्यारे को गांव से दूर जंगल में खदेड़ने का प्रयास कर रहे हैं। प्यारे हाथी लंबे समय से प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है।
फिलहाल यह हाथी परमेश्वरपुर में तीन चार दिनों से डेरा जमाए हुए है तथा लगातार उत्पात मचा रहा है। दो दिन पहले उसने सोमारसाय के घर को क्षतिग्रस्त किया था और रविवार की रात एक साथ छह घरों को क्षतिग्रस्त कर भारी नुकसान पहुंचाया है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार रविवार की रात डेढ़ बजे के करीब प्यारे हाथी फिर से खरसोता बस्ती में पहुंच गया था और अनाज खाने के चक्कर में अतवारी, कृपाशंकर सिंह, कृष्णदेव सिंह, पवन साय, रामप्यारी व शिवलाल के घरों को तोड़ने के साथ साथ अंदर रखा अनाज भी खा गया और सामानों को भी नुकसान पहुंचाया। बताया जा रहा है कि जब प्यारे घरों को तोड़ रहा था तब सभी ग्रामीण अपने घरों में ही सो रहे थे।
घर टूटने की आवाज आने के बाद सभी लोग उठे और शोर मचाना शुरू किए ।इस बीच हाथी आराम से घरों को निशाना बनाता रहा और देखते ही देखते छह घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। ग्रामीणों ने जब शोर मचाना शुरू किया तो गांव के और लोग भी इकठ्ठा हो गए और मशालें जलाकर प्यारे को दिखाते हुए पूरी ताकत से शोर करने लगे यह देखकर हाथी जंगल की ओर चला गया। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार प्यारे के कारण गांव में दहशत है और हाथी से रखवाली करने वे रतजगा कर रहे हैं। हालांकि गांव के कुछ लोग जंगलों के किनारे भी पहरा दे रहे हैं ताकि हाथी के आने की सूचना गांव में दे सकें पर सोमवार की रात हुआ यह कि प्यारे हाथी दूसरे रास्ते से गांव में घुस गया था।
प्यारे हाथी प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम करसी, परमेश्वरपुर, मसगा, सोनपुर, टुकूडांड़, धरमपुर, सिंघरा, करंजवार, सरहरी व दरहोरा के साथ साथ घुई तथा रामकोला वन परिक्षेत्र में ग्रामीणों को भारी आर्थिक नुक़सान पहुंचाने के साथ ही कई ग्रामीणों को मौत के घाट उतार चुका है। अब तक वन विभाग प्यारे हाथी की दहशत को कम करने कोई ठोस रणनीति नहीं बना पाया है।