रायपुर। प्रदेश में स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को राजधानी समेत राज्य में 14 मरीज मिले। अब तक इतने अधिक मरीज एक दिन में नहीं मिले थे। बीते 40 दिनों में स्वाइन फ्लू के 128 मामले सामने आए हैं। वहीं, छह लोगों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक सर्वाधिक 67 केस रायपुर में मिले हैं। इनमें से 33 लोगों का इलाज अस्पताल में जारी है। पूरे प्रदेश में अभी 61 मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग भले ही बेहतर व्यवस्था का दावा कर रहा है, लेकिन अस्पतालों में इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं ही नहीं हैं।

राजधानी की बात करें तो एम्स के साथ ही आंबेडकर अस्पताल को स्वाइन फ्लू जांच का सेंटर बनाया गया है। लेकिन आंबेडकर अस्पताल में रिएजेंट किट नहीं होने की वजह से जांच ही बंद है। ऐसे में मरीजों के सामने भटकने की नौबत आ रही है। अस्पताल के छाती रोग व मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों के अनुसार ओपीडी में स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज लगातार पहुंच रहे हैं, लेकिन जांच व दवाएं नहीं होने की वजह से उनको सही इलाज नहीं मिल पा रहा है।

चिकित्सकों ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार के साथ खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द, थकावट, उल्टी, दस्त, छाती में दर्द, रक्तचाप में गिरावट, खून के साथ बलगम आना व नाखूनों का नीला पड़ना आदि लक्षण हो सकते हैं।

बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों में नहीं जाने, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहने तथा नियमित रूप से साबुन से हाथ धोने की सलाह दी जाती है। सर्दी-खांसी एवं जुकाम वाले व्यक्तियों के द्वारा उपयोग में लाए गए रुमाल, कपड़ों का उपयोग नहीं करना चाहिए। स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाने पर 24 से 48 घंटे के भीतर डाक्टर से जांच अवश्य कराना चाहिए।

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