रायपुर: छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में एक ऐसा स्कूल है, जहां सिर्फ गरीब बच्चों की पढ़ाई होती है. राखी गांव में स्थित क्रिस्टल हाउस इंडिया स्कूल अपनी सुविधाओं के मामले में प्राइवेट स्कूलों को भी टक्कर देता है. स्कूल में पढ़ाई इंग्लिश मीडियम के जरिए करवाई जाती है. इस स्कूल में किसी भी तरह की कोई फीस नहीं ली जाती है और ये गरीब बच्चों के लिए पूरी तरह से मुफ्त है. इस स्कूल में सिर्फ केजी-1 में ही एडमिशन दिया जाता है. यहां एडमिशन के लिए नियम भी काफी कड़े हैं और अन्य स्कूलों के मुकाबले यहां के नियम भी काफी अलग हैं. एडमिशन के लिए बच्चों को किसी भी तरह का कोई टेस्ट नहीं लिया जाता है.
गरीब बच्चों के लिए डेडिकेटेड इस स्कूल में एडमिशन के दौरान बच्चों के घरों की चेकिंग होती है. अगर किसी स्टूडेंट के घर मोटरसाइकिल, कूलर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और टीवी होता है, उन्हें एडमिशन नहीं दिया जाता है. जहां आमतौर पर स्कूलों में एडमिशन के लिए टेस्ट लिया जाता है और फिर मेरिट के आधार पर एडमिशन होता है. हालांकि, इस स्कूल में एडमिशन के लिए मेरिट लिस्ट नहीं बनाई जाती है, बल्कि गरीबी की मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है. इसके आधार पर ही एडमिशन दिया जाता है. एडमिशन के लिए अप्लाई करते ही स्कूल की सर्वे टीम एक्टिव हो जाती है. पांच से छह साल के बच्चों के परिवारों की जानकारी निकाली जाती है.
नवा रायपुर के 41 गांवों के स्टूडेंट्स को इस स्कूल में एडमिशन दिया जाता है. सर्वे टीम ने अभी तक 24 गांवों का सर्वे किया है और यहां के बच्चों को एडमिशन दिया गया है. हालांकि, इस स्कूल में 70 सीटों पर ही एडमिशन होता है. अगर एडमिशन प्रोसेस की बात करें, तो सबसे पहले 70 सीटों पर एडमिशन के लिए सर्वे के आधार पर 200 परिवारों का चयन किया जाता है. इसके बाद इन परिवारों की आर्थिक स्थिति को देखा जाता है. आर्थिक स्थिति के आधार पर 70 परिवारों का चयन होता है. स्कूल में एडमिशन के दौरान उन बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है, जिनके माता-पिता कम पढ़े लिखे हैं और उनके घर में सुविधाओं का अभाव होता है.
यहां पढ़ने वाले बच्चों को RTE के तहत कोटा भी मिलता है. इस कोटे के तहत एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की पढ़ाई के पैसे का भुगतान सरकार की ओर से किया जाता है. लेकिन स्कूल इस पैसे को भी नहीं लेता है. वहीं, स्कूल के भीतर बच्चों को खाने-पीने की सुविधाएं भी मिलती हैं. उन्हें तरह-तरह का नाश्ता और लंच दिया जाता है. सुबह 8.30 बजे स्कूल की शुरुआत होती है और शाम को छुट्टी होती है. छुट्टी से पहले बच्चों को दूध बिस्किट दिया जाता है. बच्चों को उनके घरों से लाने-ले जाने के लिए बस सुविधा रखी गई है.