रायपुर: मंगलवार को छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे ओडिशा के नुआपड़ा जिले के बोडेन थानाक्षेत्र अंतर्गत सहजपानी गांव के पास माओवादियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) के तीन जवान बलिदान हो गए। इस हमले में कई जवान घायल हुए हैं जिनका उपचार चल रहा है। इनमें से एक से दो जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
घटना मंगलवार दोपहर लगभग ढाई बजे के आसपास की है। बलिदान हुए जवानों में एएसआई शिशुपाल सिंह, एएसआई शिवलाल और कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह शामिल हैं। एएसआई शिशुपाल सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के ग्राम लालगढ़ी अगराना, एएसआई शिवलाल हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के ग्राम पैगा और कांस्टेबल धर्मेंद्र बिहार के रोहतास जिले के ग्राम सराया के निवासी थे। तीनों जवान सीआरपीएफ की जी-19 बटालियन की रोड ओपनिंग पार्टी का हिस्सा थे। लंबे समय बाद माओवादियों ने जिले में किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया है।
बताया जा रहा है कि जवान भैंसादानी कैम्प से नए खुले पाटधरा कैम्प जा रहे थे। इस दौरान घात लगाए बैठे माओवादियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। माओवादियों ने ग्रेनेड लांचर से हमला किया था। इससे पहले की जवान संभल पाते एएसआई शिशुपाल सिंह, एएसआई शिवलाल व कांस्टेबल धर्मेंद्र फायरिंग की चपेट में आ गए। घटनास्थल पर ही तीनों वीरगति को प्राप्त हो गए।
माओवादियों द्वारा बलिदान हुए जवानों की तीन एके-47 राइफल भी लूट लिए जाने की जानकारी सामने आई है। अन्य जवानों ने मोर्चा संभालते हुए माओवादियों को खदेड़ा। बाद कैम्प से बैकअप पार्टी रवाना की गई। घटना की सूचना मिलते ही डीआईजी राजेश पंडित, नुआपड़ा एसपी प्रत्युष दिवाकर सहित सीआरपीएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। इलाके में सर्चिंग जारी है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना पर दुख जताते हुए बलिदान हुए जवानों के स्वजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। इस घटना पर डीजीपी सुनील बंसल ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से बलिदान हुए जवानों के स्वजनों को 20-20 लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की गई है। गौरतलब होगा कि माओवादी पाटधरा में नया कैम्प खोले जाने का विरोध करते आ रहे थे। बीते दो से तीन वर्षों में इस दुर्गम क्षेत्र में सीआरपीएफ ने माओवादियों के कई कैम्प ध्वस्त किए हैं।