दंतेवाड़ा :-दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिला में माई दंतेश्वरी के धाम दंतेश्वरी मंदिर के प्रांगण में बसंत पंचमी के दिन त्रिशूल गढ़ाई का कार्य किया जाता है ।

यहां की यह प्रथा सैकड़ों सालों से चली आ रही है इस त्रिशूल गढ़ाई के बाद इस त्रिशूल की पूजा आज बसंत पंचमी से फागुन माह के अंत होली के दिन तक इसकी पूजा अर्चना की जाती है वह इसके पश्चात बस्तर में होली मनाई जाती है होलिका दहन के बाद इस त्रिशूल को निकालकर देवी के गर्भ ग्रह में रख दिया जाता है ।

तत्पश्चात बस्तर के क्षेत्रों में पूजा जात्रा का शुरुआत होता है और लोग बस्तर में होली का त्योहार मनाते है बता दे बस्तर की आराध्य देवी माई दंतेश्वरी के भिन्न-भिन्न रूपों में पूजा की जाती है ।

बसंत पंचमी के इस पावन दिन को माई दंतेश्वरी की सरस्वती रूप में पूजा की जाती है माई दंतेश्वरी मां दुर्गा स्वरूप में साक्षात विराजमान है भक्तजन यहां प्रदेश भर से आकर माई दंतेश्वरी के दर्शन करते हैं बस्तर संभाग में कुल सात जिले आते हैं जिसमे गांवो की संख्या 3893 है

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