बलरामपुर: मौसमी बीमारियों के साथ मच्छरों से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन के द्वारा लगातार प्रयास जारी है। इसी का परिणाम रहा है कि विगत वर्षों में जिले में कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का के निर्देशन व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रेना जमील के मार्गदर्शन में जिले में मलेरिया बीमारी व डेंगू के रोगी के संख्या में कमी आई है।वर्ष 2017 में जिले में 11008 मलेरिया के रोगी मिले थे वहीं इस वर्ष 2023 में अभी तक कुल 12 मलेरिया के रोगी मिले है। डेंगू में भी अभी तक जिले के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में रोगी होने की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य व असमान मौसम के बदलाव को देखते हुए आम नागरिकों को मच्छरों से होने वाली जैसे डेंगू व मलेरिया बीमारियों से बचाव की जरूरत है।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.सी. बैनर्जी ने बताया की स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से दोनों बीमारी से लड़ने तैयार हैं। वर्तमान में गाँव-गाँव मे मलेरिया की जांच व उपचार मितानिन स्तर पर सभी स्वास्थ्य केन्द्रों मे उपलब्ध है वही डेंगू की जांच की सुविधा भी जिले के सभी प्राथमिक, सामुदायिक व जिला अस्पताल में उपलब्ध है। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक राजीव रंजन मिश्रा ने बताया कि जिले के सभी केंद्रों में मलेरिया बीमारी हेतु पर्याप्त दवा उपलब्ध है व डेंगू बीमारी से बचने जिले के सभी विकासखंड में काम्बेट दल बनाया गया है।


स्वास्थ्य विभाग के जिला सलाहकार ने बताया कि जिले में विगत वर्षों मे मलेरिया बीमारी रोकने जिला प्रशासन के नेतृत्व में कई प्रयास किए गए जिसके फलस्वरूप आज मलेरिया के रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित कमी देखने को मिली है जिसके लिए राज्य स्तर पर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सराहना हुई है, मलेरिया बीमारी रोकने मितानिन स्तर से, उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर, ब्लॉक स्तर व जिला स्तर पर कई प्रयास हुए। जिसके कारण वहां वर्ष 2017 में जिले के एपीआई 13.5 था वह वर्तमान में एपीआई 0.01 है। मलेरिया बीमारी से सभी अवगत हैं लेकिन मच्छर से होने वाली एक दूसरी बीमारी भी है जो की एडीज मच्छर के काटने से होती है जो की डेंगू बीमारी का वाहक है, एडीज मच्छर के काटने से चिकनगुनिया व जिंका रोग भी होता है। वर्तमान में जिले में डेंगू बीमारी के विषय में लोगों को जानने की जरूरत है, पूर्व में डेंगू बीमारी के रोकथाम हेतु प्रयास किए गए हैं, जिसमे वाल राइटिंग, नारा लेखन, माइकिंग व समाचार पत्र के माध्यम से डेंगू पर जागरूकता लाने का प्रयास किया गया है। डेंगू की बीमारी एडीज मच्छर के कारण होता है जो की वायरल डिजीज है। एडीज मच्छर स्वच्छ पानी मे अंडे देती है, तथा ज्यादा ऊंचाई पर उड़ पाती है, जब संक्रमित मादा एडीज मच्छर किसी असंक्रमित स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तब यह वायरस उस स्वास्थ्य व्यक्ति के खून मे चला जाता है व वह व्यक्ति डेंगू बीमारी से संक्रमित हो जाता है। डेंगू बीमारी के लक्षण आने मे 3 से 5 का समय लगता है डेंगू के लक्षण मे तेज बुखार का होना, सिर व जोड़ो मे दर्द, मांसपेसियों मे दर्द, आँख के पीछे अत्यधिक दर्द होना, जी मिचलाना, पेट मे दर्द, भूख की कमी, हाथ पैर मे चतके का होना डेंगू बीमारी के लक्षण है। एडीज के मच्छर साफ, रुका हुआ पानी मे अंडा देती है, मादा एडीज मच्छर एक बार मे 300 तक अंडा देती है, मादा एडीज मच्छर अंडे देने के लिए कूलर के पानी टंकी, मिट्टी के बर्तन, टायर, बरसाती ठहरे हुए पानी, गांवों मे पशुओं के पीने हेतु उपयोग किए जाने वाले सीमेंट के नाद जो उपयोग न हो व उसमे पानी भरा हो ऐसे जगह एडीज मच्छर के पनपने के उत्तम श्रोत हो सकते है। एडीज मच्छर से बचने के लिए साप्ताहिक कूलर के टंकी को खाली कर सफाई करना चाहिए, ऐसे बर्तन या पानी के कंटेनर जिसमे पानी हो उसको बहा देना चाहिए, गड्ढ़ों मे मिट्टी का तेल या जला हुआ मोबिल डालना चाहिए, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए व घर के आसपास पानी जमा नही होने देने चाहिए।

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