बलरामपुर: जब भी हम बीमार पड़ते हैं तो मन में अस्पताल, डॉक्टर की फीस, लंबी-चौड़ी तथा मंहगी दवाईयों की लिस्ट नजर आने लगती है। गरीब, मजदूर, किसान जैसे कमजोर वर्गां के लिए यह बड़ा कठिन समय होता है, क्योंकि जान बचाने के लिए वे अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई महंगे ईलाज में खर्च कर देते हैं। ऐसे कठिन परिस्थिति में कमजोर वर्गों की सहायता के लिए राज्य शासन ने धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और हाट-बाजार क्लिनिक योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना से शहरी गरीबों को मुफ्त ईलाज की सुविधा मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिये प्रदान की जा रही है वहीं हाट-बाजार क्लिनिक योजना से गांव के गरीबों का मुफ्त ईलाज किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सपना गरीब, मजदूरों और कमजोर वर्ग के लोगों को गुणवत्तायुक्त दवाईयां सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की रही है, जिसके लिए उन्होंने धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना की शुरूआत की। इस योजना में दवाइयों पर 50 प्रतिशत से अधिक की छूट दी जा रही है। इससे गरीबों पर दवाईयों के खर्चे का बोझ कम हुआ है जिससे गरीब परिवारों के चेहरे पर न केवल खुशी दिख रही है बल्कि उनके जीवन को नई दिशा भी मिल रही है।
सस्ती दवाईयों की बचत से सुधर रही है दशा और जीवन को मिल रही है नई दिशा
आय में बढ़ोतरी या पैसों की बचत हमें जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने का अवसर देता है। बचत जीवन के तौर तरीकों, खान-पान और रहन-सहन को बेहतर करता है। धन्वंतरी योजना से हो रही पैसों की बचत गरीबों के जीवन में काफी हद तक यह बदलाव लाने में सफल रहा है। पैसों की बचत का इस्तेमाल वे बच्चों के अच्छी परवरिश में भी कर पा रहे हैं। पहले बीमारी के नाम से दिमाग चिंताग्रस्त और तनाव से भर जाता था, परंतु लोग अब ऐसी चिंता से मुक्त हैं और उनके चेहरे पर खुशी दिखाई देती है।
जिले के 49 हजार हितग्राही लाभान्वित, लगभग 62 लाख रूपये की हुई बचत
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कलेक्टर विजय दयाराम के. के निर्देशन में जिले के पांचों नगरीय निकायों बलरामपुर, रामानुजगंज, वाड्रफनगर, राजपुर एवं कुसमी में धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालित है। स्टोर में एलोपैथिक, जेनेरिक, सर्जिकल, शिशु आहार, हर्बल प्रोडक्ट समेत सौंदर्य प्रसाधन की सामग्रियां उपलब्ध करायी जाती है। जिले के धन्वंतरी मेडिकल स्टोर से अब तक 49 हजार से अधिक हितग्राही इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। हितग्राहियों को लगभग 01 करोड़ 19 लाख 95 हजार एम.आर.पी. की दवाईयां छूट के साथ लगभग 58 लाख 30 हजार रूपये में धन्वंतरी मेडिकल स्टोर द्वारा उपलब्ध करायी गई है। हितग्राहियों को इससे लगभग 61 लाख 64 हजार से अधिक की बचत हुई है।
दवाईयों पर खर्च की चिंता से मुक्त हुए गरीब, मजदूर और किसान
राजपुर धन्वंतरी मेडिकल स्टोर में अपने एक वर्षीय बच्चे के लिए दवाई लेने आये ग्राम अलखडीहा निवासी मुकेश यादव ने बताया कि वे अपने बच्चों से बेहद प्यार करते हैं, परंतु बीमार पड़ते ही मंहगी दवाओं को देखकर बच्चों की चिंता ज्यादा सताती थी, लेकिन अब हम खुश हैं। श्री यादव ने शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह योजना गरीब माता-पिता को बच्चों के बीमारी पर लगने वाली दवाओं के खर्चे के चिंता से मुक्त करती है।
बलरामपुर के ग्राम पुटसुरा निवासी दिनेश मेहता बताते हैं कि उनकी माता शुगर की रोगी हैं, उनके दवाईयों में प्रतिमाह लगभग 1500 से 1600 रूपये खर्च होते थे। लेकिन विगत एक वर्षों से वे श्री धन्वंतरी मेडिकल स्टोर से दवाईयों की खरीदी कर रहे हैं, जहां वही दवाईयां उन्हें 700 से 800 रूपये में मिल जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इससे उन्हें विगत एक वर्षों में लगभग 08 हजार रूपये की बचत हुई है, जिसका उपयोग वे घर के अन्य जरूरतों को पूरा करने में कर रहे हैं। तो वहीं रामानुजगंज वार्ड क्रमांक 13 की निवासी प्रीति सोनी ने बताया कि वह जिला चिकित्सालय में अपनी 06 वर्षीय बेटी का ईलाज कराने आयी थी। जब डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाईयों को लेने धन्वंतरी मेडिकल स्टोर पहुंची तो 205 रूपये की एमआरपी की दवा उन्हें 102 रूपये में मिल गई। इसके लिए उन्होंने शासन एवं प्रशासन का धन्यवाद किया है।