सूरजपुर: जिला कलेक्टर इफ्फत आरा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया के मार्ग दर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाईल्ड लाईन की टीम ने सूरजपुर साप्ताहिक बाजार में रहने वाले बदायू यू.पी. के परिवार एवं पचिरा में तम्बू में निवास करने वाले इलाहाबाद (यू.पी.) एवं भूसावल (महाराष्ट्र) के परिवारों से सम्पर्क कर उनके बच्चों को भिक्षाटन नहीं कराने और उन्हें उनके गांव में शिक्षा से जोड़ने हेतु समझाईस दी गई। उन्हें समझाया गया कि आप खाना बदोश की जिन्दगी जी रहे हैं। आपके बच्चे यदि अच्छी शिक्षा पायेगें तो कुछ प्राप्त कर सकेते हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि यदि आप अपने बच्चों से भिक्षावृत्ति कराते हैं तो किशोर न्याय अधिनियम की धारा 76 के तहत पांच वर्ष के कारावास और पांच लाख रुपये के जुर्माने से दण्डित किया जायेगा। सभी ने अपने बच्चों से भिक्षाटन नहीं कराने का संकल्प लिया। साथ ही सूरजपुर के आस-पास के चौंक-चौंराहो पर जांच किया गया, और सभी को बताया गया कि यदि कोई बच्चा भिख मांगतें दिखे तो चाईल्ड हेल्प लाईन नं. 1098 में फोन कर बतायें। ताकि बच्चे को भिक्षावृत्ति से निकाला जा सके। जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। ताकि बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाया जा सके।
टीम द्वारा सड़क के किनारे होटल और ढ़ाबो में जांच की गई तथा सभी को बालश्रमिक नहीं रखने हेतु बताया गया। टीम में मनोज जायसवाल के अलावा जिला बाल संरक्षण इकाई की सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, आउटरीच वर्कर पवन धीवर, हर गोविन्द चक्रधारी, चाईल्ड लाईन से समन्वयक कार्तिक मजूमदार, नंदनी खटीक एवं रमेश साहू उपस्थित थे।