सूरजपुर: जिले के दुर्गम दुरस्थ क्षेत्र बिहारपुर के बच्चों को कुछ ऐजेन्टों के द्वारा पैसे का लालच देकर तमीलनाडू के सेलम जिला ले जाया गया। जिसमें मिली जानकारी अनुसार बताया गया कि बाल संरक्षण टीम तमीलनाडू ने सूरजपुर को सको सूचित कर जानकारी दी। जानकारी प्राप्त होते ही यहां टीम हरकत में आकर पुष्ट जानकारी के साथ तमीलनाडू के सेलम जिला के लिए रवाना हुई। तमिलनाडु गये बच्चों का नाम पता मंगाया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने तत्काल गृह सत्यापन कर तमिलनाडु भेजा और वहां के जिला बाल संरक्षण इकाई एवं होम्स से सम्पर्क कर उन्हें यहां लाने हेतु स्कार्ट नियुक्ति किया। इसी बीच कुछ बच्चों में कोरोना पाजीटिव के लक्षण आने से उनका आना एक बार निरस्त कर दिया गया । फिर कोरोना संक्रमण दर कम होने तथा बच्चों के स्वस्थ्य होने पर उन्हें तमिलनाडु से लेकर टीम आई। रायपुर से जिला बाल संरक्षण अधिकारी सभी बच्चों के साथ स्कार्ट टीम सूरजपुर लेकर आई। संयुक्त जिला कलेक्टेट्र में सभी बच्चों सहित आय हुए स्टाप को कोविड टेस्ट कराया गया। सभी के रिपोर्ट निगेटिव आने के पश्चात् जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया से सभी बच्चों को मिलाया गया, उन्होंने सभी का परिचय लिया और उन्होंने कहा कि सभी को काम यहीं मिल जायेगा। अधिक लाभ के लालच में बाहर ना जाये।
सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति सूरजपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सभी बच्चों को उनके अभिभावक के सुपुर्द किया गया। सभी समझाइश दी गई कि अब बच्चे किसी भी काम से बाहर ना जायें और उनके परिवार रोजगार की व्यवस्था यहीं की जाये। बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाये। उन्हें शिक्षा से दूर ना किया जाये।
बच्चों को सुपुर्द करने में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष किरण बघेल, सदस्य राजेश शर्मा,कविता सिंह, फरीदा खान, घनश्याम राजवाड़े, जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, संरक्षण अधिकारी प्रियंका सिंह, परामर्श दाता जनेन्द्र दुबे, हर गोविन्द चक्रधारी, चाईल्ड लाईन ओड़गी से राधा यादव, अनवरी खातुन, ग्राम पंचायत पासल के सरपंच रविशंकर एवं सभी बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बताया की बच्चों का फालोअप अब करते रहेंगे तथा उनके द्वारा उन्हें शिक्षा से जोड़ने की कार्यवाही की जायेगी। बच्चों को तमिलनाडू से सूरजपुर लाने वालों में भगाराम एस०, महेश्वरन, रामचन्दन, महेन्द्ररन एस०टी०, धनुवासन उपस्थित थे।