तथाकथित कोल स्केम के आरोपी चिंतामणी महराज भाजपा में शामिल होते ही पाक साफ हो गए
एक ही पत्र के आधार पर 35 लोगों पर एफआईआर चिंतामणी को छोड़ दिया गया
रायपुर।पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार और कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के उद्देश्य से कांग्रेस की सरकार के दौरान ईडी ने अनेक कार्यवाहियां किया था। ईडी ने तथाकथित कोल घोटाला को लेकर तीन सालों तक जांच किया और जब कुछ हासिल नहीं कर पाई तो ईडी ने राज्य के एंटीकरप्शन ब्यूरो को 11 जनवरी 2024 को पत्र लिखकर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने को कहा। इस पत्र में ईडी ने इस तथाकथित कोल घोटाले को लेकर विस्तृत ब्योरा भी दिया तथा इसमें कुछ लोगों के नाम भी सौपा जिनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज किए जाने को कहा गया था। इस पत्र में ईडी ने जिन लोगों के नाम सौपा है, उनके सामने तथाकथित रूप से कितनी राशि प्राप्त हुई उसका उल्लेख भी किया है। इसी में 10वें क्रम पर ईडी ने तत्कालीन कांग्रेस के सामरी से विधायक चिंतामणी महराज के नाम का उल्लेख करते हुए 5 लाख रुपए लिए जाने का दावा किया है। ईडी ने उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने को लिखा है। ईडी ने इस पत्र के आधार पर एसीबी ने जो एफआईआर 17 जनवरी 2024 को दर्ज किया है उसमें चिंतामणी महराज का नाम नहीं है। चिंतामणी महराज जो कांग्रेस के विधायक थे अब भाजपा में शामिल होकर भाजपा से सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार है। जैसे ही मोदी के वाशिंग मशीन में डाले गए उनके सारे पाप धुल गए। कमल छाप का ताबिज पहनकर ये ईमानदार हो गए। एक पत्र के आधार पर जब 35 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है तो फिर चिंतामणी महराज का नाम एफआईआर से बाहर क्यों किया गया, इसीलिए कि वे भाजपा में शामिल हो गए है। यह भाजपा का चरित्र है विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी,आईटी, सीबीआई को आगे कर मुकदमा दर्ज किया जाता है, दबाव बनाया जाता है, जेल भेजा जाता है, लेकिन जैसे ही वह नेता भाजपा में शामिल हो जाता है उसके खिलाफ सारी कार्यवाही रोक दी जाती है। अजीत पवार, हेमंत बिसवा शर्मा, नारायण राणे, रेड्डी बंधु, मुकुल राय, शुर्वेदु अधिकारी, एकनाथ शिंदे, अशोक चौहान जैसे कई उदाहरण है। ईडी और एसीबी की इस कार्यवाही से साफ हो रहा है कि यह तथाकथित कोल घोटाला भाजपा की एक साजिश है, जिसे ईडी के माध्यम से विरोधियों को फंसाने का षडयंत्र रचे गए।अपने सुविधा और राजनैतिक षडयंत्रों के आधार पर लोगों को बदनाम करने नाम जोड़े गए, काटे गये। चिंतामणी महराज प्रदेश की जनता के बताए कि ईडी ने तथाकथित कोल स्केम में 5 लाख लेने का जो गंभीर आरोप लगा वह आरोप सही या गलत। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बताए कि ईडी के पत्र में चिंतामणी महराज के खिलाफ एसीबी को एफआईआर करने को लिखा है फिर किसके दबाव में एसीबी ने चिंतामणी महराज का नाम हटाया।