नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के कारण जमकर तबाही हुई है। यहां दो दिनों तक हुई लगातार वारिस में 583 सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। इनमें 85 जगहें राष्ट्रीय राजमार्ग पर हैं। इसके अलावा बिजली के 2263  ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं। इससे बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई है। 279 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। शुक्रवार को कुल्लू के पाहनाला और कांगड़ा के छोटा भंगाल के मुल्थान में बादल फटे, जबकि मंडी के वरोट के पहाड़ पर भी ऐसी ही आशंका जताई जा रही है।

कुल्लू के पाहनाला में बाढ़ के मलबे में आठ वाहन दब गए। कुल्लू में सरवरी नाले में गाड़ियों के लिए पार्किंग बनाई गई थी। बादल फटने के बाद पानी मलबे के साथ तेज गति से आया और गाड़ियों को अपने साथ बहा ले गया। भूस्खलन की वजह से मनाली फोरलेने हाइवे कई जगहों पर बंद हो गया है। हाइवे में पहाड़ से गिरा मलबा जमा हुआ है, जिसे हटाया जा रहा है।

कुल्लू के गांधीनगर नाले में बाढ़ से तीन वाहन मलबे में दब गए। मनाली में पेड़ गिरने से दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और हडिम्बा मंदिर पर भी पेड़ टूटा है। कांगड़ा के मुल्थान में नौ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। छोटा भंगाल के मुल्थान में बादल फटने के बाद 12 घर खतरे की जद में हैं, यहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। फिलहाल शनिवार को मौसम शांत है और आने वाले दिनों में लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है

चंबा की अति दुर्गम पागी घाटी में पिछले चार दिन से लगातार बर्फबारी हो रही थी। इससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। सर्दी बढ़ गई और पागी घाटी शहर के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट गई। दो दिनों से बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है। घाटी में जारी बर्फबारी अब रुक गई है और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। आज मौसम ठीक है, लेकिन आसमान में बादल हैं। यहां चार दिन में लगभग 3 फीट बर्फ पड़ चुकी है।

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