नई दिल्ली: विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सबसे स्वच्छ राज्य श्रेणी में पुरस्कार प्रदान किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया और नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी ने राष्ट्रपति से यह अवार्ड प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे साल स्वच्छतम राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। इसका श्रेय छत्तीसगढ़ के पौने तीन करोड़ लोगों को जाता है। मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नयी संस्कृति का निर्माण किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे स्वच्छ राज्य का यह अवार्ड स्वच्छता दीदी, सफाई व्यवस्था से जुड़े लोगों, सरकार और प्रशासन के प्रतिनिधियों व प्रदेश के लोगों को समर्पित किया है। अधिकारियों ने बताया, छत्तीसगढ़ के 61 शहरी निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जिसके सबसे ज्यादा निकाय पुरस्कृत किए गये हैं। स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ वर्ष 2019 एवं 2020 में भी अग्रणी राज्य रहा है।
इन नगर निगमों को मिला पुरस्कार
स्वच्छ सर्वेक्षण, गार्बेज फ्री सिटी के लिए रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, अम्बिकापुर महापौर अजय तिर्की, भिलाई चरोदा के महापौर चंद्रकांत मांडले, बिलासपुर महापौर रामशरण यादव, चिरमिरी की महापौर कंचन जयसवाल, रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू, कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद, राजनांदगांव महापौर हेमा सुदेश देशमुख, दुर्ग महापौर धीरज बकलीवाल के साथ ही नगर निगम के आयुक्त, नगर पालिका अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नोडल अधिकारियों ने पुरस्कार ग्रहण किया।
देश भर के शहरों के बीच स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय हर साल देश के सभी शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन करता है। इसमें विभिन्न मापदंडों के अंतर्गत शहरी स्वच्छता का आंकलन किया जाता है। मुख्य रूप से घर-घर से कचरा एकत्रीकरण, कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान, खुले में शौच मुक्त शहर, कचरा मुक्त शहर आदि का थर्ड पार्टी के माध्यम से आंकलन होता है। इसमें स्थानीय लोगों से फीडबैक भी शामिल किया जाता है। इसी आधार पर राज्यों एवं शहरों की रैंकिंग जारी की जाती है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों तथा शहरों को पुरस्कृत किया जाता है।