बलरामपुर: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने बताया कि कई जिलों में स्वाइन फ्लू तेजी से फैल रहा है इसके लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। इस संबंध में उन्होंने बताया है कि जिले में अभी तक स्वाइन फ्लू के मरीज नहीं मिले हैं व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क होकर कार्य कर रही है। डॉ. सिंह ने स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी देते हुए बताया की यह वायरस के कारण होने वाला श्वसन रोग है। जो सूअरों के श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। यह मौसमी फ्लू की तरह संक्रामक है। एच-1 एन-1 वायरस के कारण, मनुष्यों में फैलने वाले स्वाइन फ्लू वायरस का मुख्य मार्ग आपका चेहरा है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है और वायरस संभावित स्लेष्म सतहों में प्रवेश करता है। यह तब भी फैल सकता है जब कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित किसी चीज को छूता है और बाद में अपनी नाक, मुंह या आँख को छूता है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
इसके लक्षण सामान्य फ्लू के लक्षणों जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, शरीर में दर्द, सिर दर्द, ठंड लगना, दस्त की शिकायत और थकान के जैसे होते है। स्वाइन फ्लू की स्थिति गंभीर होने पर निमोनिया, सांस लेने सम्बन्धी समस्याएं हो सकती है। अस्थमा और डायबिटीज के मरीजों को स्वाइन फ्लू होने पर गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इन्फ्लुएंजा की तरह ही स्वाइन फ्लू का भी प्रसार होता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने के बाद हवा में फैले वायरस से लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ सकते हैं। संक्रमित मरीज द्वारा छुई चीजों के संपर्क में आने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। किसी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने से लेकर बीमारी होने के 07 दिन बाद तक वायरस फैल सकता है।
स्वाइन फ्लू से बचाव के उपाय
लोगों को स्वच्छता का पालन करना चाहिए, नाक को ढकना, खासते समय रुमाल या टिसु पेपर का ऊपयोग करना, फ्लू के संक्रमण से वचने के लिए आँख, नाक या मुंह को छूने से बचना, भीड़ वाली जगहों पर जाना से वचना, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर मास्क पहनना और हाथों को अच्छे से साफ़ करना चाहिए।
फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत जाएं अस्पताल
स्वाइन फ्लू के उपचार में देरी नही होनी चाहिए, क्योंकि इससे जोखिम बढ़ सकता है और मृत्यु का खतरा हो सकता है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह के रोगियों के शरीर के कमजोर होने या गर्भावस्था, वरिष्ठ नागरिकों को भी इससे अधिक सावधान रहना चाहिए। फ्लू के ऐसे लक्षण दिखने पर तुरन अस्पताल जाना चाहिए।
इस तरह रखें अपना ध्यान
पानी,जूस और गर्म सूप जैसे तरल पदार्थों का सेवन निर्जलीकरण को रोकने में मदद करेगा। स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों को अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने व मजबूत बनाने के लिए आराम करने के साथ भरपूर नींद लेनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह अवश्य लेना चाहिए। कोई भी लक्षण दिखे तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी विकासखंडों चिकित्सा अधिकारी को दिशानिर्देश जारी किये गए है। साथ ही जिला अस्पताल में अलग से स्वाइन फ्लू वार्ड भी बनाया जा रहा है, उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है।