रायपुर: छत्तीसगढ़ में कंपकंपाने वाली शीतलहर फिर लौट आई है। बरसात के बाद उत्तर से आ रही सूखी और बर्फीली हवाओं से तापमान में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। एक ही दिन में बस्तर संभाग के तापमान में 3 से 6 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज हुई है। सरगुजा-बिलासपुर संभाग के अधिकतर जिलों का तापमान 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। बलरामपुर में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस मापा गया। यह प्रदेश भर में सबसे ठंडा स्थान बना हुआ है।
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक पिछले दो दिनों में अम्बिकापुर का न्यूनतम तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस तक कम हुआ है। शुक्रवार-शनिवार को यहां का न्यूनतम तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस मापा गया। दो दिन पहले यह 13.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। पेण्ड्रा रोड में न्यूनतम तापमान दूसरे दिन भी 7 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। यहां शीतलहर की स्थिति घोषित की गई है। जशपुर के डुमरबहार में न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री सेल्सियस, कोरिया में 6.7 और कोरबा में 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। बलरामपुर में सबसे कम 5.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा है। एक दिन पहले यहां का न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस मापा गया था।
बस्तर के नारायणपुर में 7.7 डिग्री और कांकेर में 9.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ है। एक दिन पहले नारायणपुर का तापमान 12.7 डिग्री और कांकेर का 13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। कवर्धा और दुर्ग जिलों में तापमान 9-10 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
पिछले दो दिनों में रायपुर का तापमान भी 5-6 डिग्री तक नीचे गिरा है। इसकी वजह से गलन वाली ठंड बढ़ी है। अभी रायपुर के चार-चार अलग-अलग केंद्रों पर न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच है। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र और माना हवाई अड्डे पर न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस मापा गया। नवा रायपुर में यह 12.6 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कृषि विश्वविद्यालय के पास लाभांडी में यह 9.5 डिग्री सेल्सियस मापा गया। दो दिन पहले इन्हीं केंद्रों पर न्यूनतम तापमान 15 से 18 डिग्री सेल्सियस तक था।
मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, आज से ही उत्तर से आ रही हवा की गति कमजोर हुई है। इसका मतलब है कि अब तापमान थोड़ा-थोड़ा बढ़ेगा। 14 फरवरी से न्यूनतम तापमान में वृद्धि महसूस होगी। सामान्य तौर पर 15 फरवरी तक ठंड रहती है। उसके बाद धीरे-धीरे गर्मी बढ़ती है। संभावना जताई जा रही है कि फरवरी महीने में एक-दो बार तापमान में उतार-चढ़ाव होगा। लेकिन न्यूनतम तापमान में अब इतनी बड़ी गिरावट नहीं होगी।