
कलेक्टर का व्यवहार जिला व अनुभाग के अन्य अधिकारियों के लिए प्रेरणा
अम्बिकेश गुप्ता
बलरामपुर/कुसमी।बलरामपुर जिले के कुसमी-कोरंधा पहुंच मार्ग का “संचार टुडे सीजीएमपी न्यूज़” में समाचार प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा ने संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर के साथ धरातल स्तर पर पहुंचकर जायजा लिया तथा अधिकारी-कर्मचारियों को आवश्य दिशा-निर्देश दिया।
ज्ञात होगा की बलरामपुर जिले के लोक निर्माण विभाग अंतर्गत उप संभाग कुसमी में कुसमी से कोरंधा तक 44 करोड़ 71 लाख 24 हजार रूपये की लागत से 15.4 किलोमीटर तक चल रहे सड़क, पुलिया, नाली व तटबंध निर्माण में भ्रष्टाचार के सन्दर्भ में 10 अप्रैल दिन गुरुवार को शीर्षक ” कुसमी-कोरंधा मार्ग 44 करोड़ का सड़क, भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा, जिम्मेदार बेपरवाह “ नामक खबर का प्रकाशन किया गया था. इस ओर ध्यान आकर्षित होने के बाद बलरामपुर कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए औचक निरीक्षण किया। तथा उपस्थित लोक निर्माण विभाग व ठेकेदार के कर्मचारियों को समझाइए दीं। बलरामपुर कलेक्टर के साथ एसपी बैंकर वैभव भी उपस्थित थे। संयुक्त रूप से दोनों ने छत्तीसगढ़ राज्य से लगे झारखंड सीमा तक जाकर सड़क का जायजा लिया. इस दौरान ठेकेदार के कर्मचारी से कलेक्टर ने पूछा कि कितना पुलिया बन चुका है इस पर जवाब मिला 26 बना गया हैं. तथा शेष 19 पुलिया बनना बाकी है। कार्य प्रारंभ होने की समयावधि पूछने के पश्चात धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य में नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर व एसपी ने उपस्थित ठेकेदार के कर्मचारियों व लोक निर्माण विभाग के अधिकारीयों को दो शिफ्ट डे-नाईट में कार्य करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर के आने के पूर्व गुणवत्ता में सुधार
समाचार प्रकाशन किये जाने के पहले ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्यों में जमकर मनमानी की जा रही थी. इस पर अंकुश लगाने वाले संबंधित विभाग के अधिकारी भी अपने जिम्मेदारियों से परे हटकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हुए थे. उच्च समाचार के प्रकाशन के बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा हरकत में आकर गुणवत्ता में सुधार लाने बलरामपुर कलेक्टर के पहुंचने के पूर्व ही ठेकेदार को निर्देश दे चुके थे. यही कारण था कि वर्तमान में चल रहे नाली निर्माण में एस्टीमेट में निर्धारित छड़ की चोरी में विराम लगाकर नाली ढलाई किए जाने के अलावा शेष बचे हुवें स्थान पर एस्टीमेट के अनुसार छड़ को बांधते हुए नजर आए। ताकि मौके पर पहुंचे कलेक्टर के समक्ष भ्रष्टाचार को छुपाया जा सके।
कलेक्टर का व्यवहार जिला व अनुभाग के अन्य अधिकारियों के लिए प्रेरणा

बलरामपुर कलेक्टर एसपी की टीम निरीक्षण करते हुए सीधा झारखंड राज्य की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ राज्य के आखिरी सीमा ग्राम पंचायत कोरंधा बॉर्डर पर पहुंची. जहां पर उपस्थित एक ग्रामीण से बलरामपुर कलेक्टर ने अपने कुशल व्यवहार का परिचय देते हुए उक्त ग्रामीण के हाथ में गुलेल देखकर पूछा कि यह क्या चीज हैं. इस पर ग्रामीण ने कहा गुलेल है साहब.. आगे कलेक्टर ने कहा इससे क्या करते हो..तो ग्रामीण ने हल्के मुस्कुराहट भरे अंदाज में जवाब देते हुवें गुलेल से होने वाले उपयोग को बताया. कलेक्टर का यह व्यवहार जिला व अनुभाग के उन अधिकारियों के लिए प्रेरणा है जो ग्रामीणों से कुशल व्यवहार न कर उनके मौलिक अधिकारों का हनन व दुर्व्यवहार करने में लगे रहते हैं। तथा फिल्ड तो दूर ऑफिस के चेंबर से भी डांट – फटकार कर उन्हें भगा दिया जाता हैं।