बलरामपुर: कोविड-19 संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण तथा संक्रमितों के बेहतर ईलाज के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देशन में कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में उचित प्रबंध किये गये हैं तथा उनका प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिक तथा उप स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड जांच, होम आइसोलेशन के दौरान चिकित्सकीय सुविधा व कंट्रोल रूम के माध्यम से संक्रमितों को उचित सलाह तथा मार्गदर्शन, निःशुल्क दवाईयां तथा संक्रमण से बचाव हेतु वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है। साथ ही संक्रमितों के उपचार के लिए सर्वसुविधायुक्त डेडिकेटेड कोविड अस्पताल तथा कोविड केयर सेन्टर भी सुचारू रूप से संचालित है। जाँच से लेकर उपचार तक विभिन्न चरणों में प्रशासन की तैयारियां दुरूस्त हैं तथा हर चरण में स्वास्थ्यकर्मी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कोविड संक्रमण काल के दौरान लोगों की सुविधा के लिए बनाये गये जिला स्तरीय होम आइसोलेशन कन्ट्रोल रूम व जनपद पंचायत बलरामपुर के कोविड कन्ट्रोल रूम का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कन्ट्रोल रूम में पदस्थ अधिकारियों से कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित मरीजों के द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगने पर तत्काल उपलब्ध कराया जाये तथा कोविड से जुड़े सवालों व शंकाओं को भी दूर करें। कलेक्टर श्री कुमार ने कन्ट्रोल रूम में संधारित की जा रही पंजी का अवलोकन किया तथा मरीजों से सतत् सम्पर्क रहने के निर्देश दिये। संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्यगत आपात स्थिति में तत्काल सहायता के लिए रैपिड रिस्पाँस टीम को भी तैयार रखने को कहा। संक्रमित मरीजों की पहचान उपरांत उन्हें होम आइसोलेशन में रखने व सतत् निगरानी करने के निर्देश दिये।


जिले में कोविड के 255 मरीज सक्रिय, संक्रमण की दर 0.51 प्रतिशत

जिले में 01 दिसम्बर से अब तक 52 हजार 931 टेस्ट हुए हैं जिसमें से 272 लोग संक्रमित पाये गये हैं तथा 17 लोग उपचार उपरांत ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में 255 संक्रमित मरीज है तथा संक्रमण दर 0.51 प्रतिशत है। जिले में कुल 254 मरीज होम आइसोलेशन में हैं तथ 01 मरीज का उपचार कोविड केयर सेन्टर में किया जा रहा है। संक्रमितों की पहचान के लिए चेकपोस्टों पर कोविड जांच की जा रही है, अभी तक 2 हजार 767 लोगों की जांच बार्डर पर की गई है। कोविड मरीजों के उपचार के लिए जिले में 1 हजार 100 बेड विभिन्न अस्तालों में उपलब्ध हैं। वहीं संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का कार्य भी जारी है। जिले में 18 से अधिक उम्र के 96 प्रतिशत लोगों को पहला तथा 52 प्रतिशत लोगों को कोविड का दूसरा डोज लग चुका है। साथ ही 15 से 18 वर्ष के 27 हजार 926 युवाओं को भी वैक्सीन लग चुका है।
संक्रमितों के पहचान के लिए दूर-दराज के इलाकों सहित अंतर्राज्यीय चेकपोस्टों में भी बनाये गये जांच केन्द्र
जिला चिकित्सालय बलरामपुर के साथ-साथ प्राथमिक तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों में भी कोरोना के जाँच की व्यवस्था की गई है। लक्षण दिखने पर तत्काल इन केन्द्रों में जाकर कोरोना का जांच कराया जा सकता है। साथ ही जिला चिकित्सालय बलरामपुर में प्रातः 10.00 बजे से शाम 04.00 बजे तक तथा आपातकालीन परिस्थिति में किसी भी समय जाँच की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों और उनके परिजनों की भी जांच की जा रही हैं। जांच के लिए पहले की अपेक्षा अब लोगों में जागरूकता बढ़ी है तथा लक्षण दिखाई देने पर लोग तुरन्त जाँच के लिए पहुंच रहे हैं। जाँच के कुछ समय बाद रिपोर्ट आ जाती है और मरीज को पता चल जाता है कि वे संक्रमित है या नहीं। जाँच एक सामान्य प्रक्रिया है लक्षण दिखने पर जाँच से हिचकिचाएं नहीं, समय पर जाँच होने से आसानी से ईलाज संभव है।


संक्रमित मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है निःशुल्क दवाईयां


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि संक्रमित मरीजों को कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संक्रमित होने के पश्चात अनुशासित रूप से दवाई लेना महत्वपूर्ण हो जाता है। दवाई वितरण करने के साथ-साथ लोगों को दवाईयों के सेवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां भी देते हैं। वर्तमान में सभी विकासखण्ड में लगभग 2-2 हजार दवाईयों की कीट तैयार कर भेजी गई है। कोरोना संक्रमित होने से डरने-घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि नियमित रूप से दवाईयों का सेवन तथा नियमों के पालन से मरीज आसानी से ठीक हो सकते हैं।

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