अंबिकापुर: कलेक्टर विलास भोसकर गुरुवार को स्कूलों के औचक निरीक्षण पर पहुंचे जहां आठ से ज्यादा स्कूलों में छात्र छात्राओं की उपस्थिति, गणवेश, पुस्तक वितरण और मध्यान्ह भोजन पर उनका विशेष फोकस रहा। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी  अशोक सिन्हा और सहायक परियोजना अधिकारी  रविशंकर पांडेय सहित बीईओ भी साथ रहे। कलेक्टर सबसे पहले प्राथमिक शाला नानदमाली पहुंचे, यहां उन्होंने स्कूल में शिक्षकों और छात्र छात्राओं की उपस्थिति पंजी का अवलोकन किया। इसके बाद सीधे बच्चों से गणवेश वितरण की जानकारी ली। कुछ बच्चों को गणवेश वितरण नहीं होने की जानकारी संज्ञान में आने पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई। इसी तरह बच्चों की स्कूल में उपस्थिति भी संतोषजनक नहीं पाई गई। उन्होंने कर्तव्य की प्रति गंभीरता ना होने पर शाला प्रधान पाठक  पुष्पा बड़ा को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के निर्देश डीईओ को दिए। शासन की मंशा अनुरूप काम ना करने, साथ ही स्कूल शुरू हुए सप्ताह बीत जाने के बाद भी इस तरह काम के प्रति लापरवाही को देखते हुए संकुल समन्वयक नानदमाली संतोष बैगा को निलंबित करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर श्री भोसकर ने इसी परिसर में स्थिति माध्यमिक शाला का भी निरीक्षण किया और बच्चों से स्कूली सुविधाओं पर संवाद किया। इसके बाद कलेक्टर ने हायर सेकेण्डरी स्कूल बड़ादमाली, प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला खर्राडांड, तथा प्राथमिक शाला सोयदा का भी निरीक्षण किया। सोयदा में शाला भवन हेतु अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए उन्होंने आरईएस को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

प्राथमिक शाला कुसू में कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान मध्यान्ह भोजन का निरीक्षण कर भोजन की गुणवत्ता देखी और भोजन हेतु राशन की उपलब्धता की जानकारी ली। इस दौरान शाला से अनुपस्थित प्रधानपाठक राजू राम आईनड के निलंबन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्त शिक्षकीय कार्य से जुड़े कर्मचारी स्कूल हेतु निर्धारित समय पर स्कूल में ही उपस्थित रहें। अनुपस्थित पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी। इसी तरह सहायक शिक्षक सोमार सिंह को भी अनुपस्थिति पर कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने निर्देश दिए गए।

प्राथमिक और माध्यमिक शाला चान्दो के निरीक्षण के दौरान बच्चों की उपस्थिति का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शाला से लगे अतिरिक्त भवन का भी शिक्षण कार्य में उपयोग करने के निर्देश दिए। यहां उन्होंने मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता जांचने स्वयं भोजन चखकर देखा। उन्होंने कहा कि भोजन की गुणवत्ता इसी तरह बनी रहे जिससे शासन की मंशा अनुरूप बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ अच्छा पोषण भी मिले।

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