बलरामपुर: आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना रथ का कलेक्टर विजय दयाराम के एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीता यादव ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जिले में यह रथ फसल बीमा एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के संबंध में किसानों को जागरूक करेगा। इस रथ के माध्यम से 1 जुलाई से 7 जुलाई तक जिले के विभिन्न गांवों में फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के संबंध में किसानों एवं ग्रामीणों को जानकारी दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य किसानों के बीच फसल बीमा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करना है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि फसल बीमा सप्ताह का आयोजन जिले के सभी समस्त विकासखण्डों में किया जा रहा है। जिसमें किसान अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। फसल बीमा रथ गांव-गांव जाकर फसल बीमा के बारे में किसानों के बीच जागरूकता लाने और किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़कर लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा। वर्ष 2022 के लिए जिले में आगामी 15 जुलाई तक फसल बीमा के लिए आवेदन किया जा सकता है। फसल बीमा योजना से संबंधित जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर $91-1800-209-5959 पर संपर्क किया जा सकता है। उप संचालक कृषि ने बताया कि ओलावृष्टि, भूसख्लन, बादल फटना, जलभराव, आकाशीय बिजली से फसल की क्षति एवं फसल कटाई के उपरांत आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाई हेतु रखी फसल को ओलावृष्टि, चक्रवात, बेमौसम बारिश के कारण हुई क्षति पर फसल बीमा योजना का लाभ मिलेगा।
सहायक संचालक उद्यान पतराम सिंह ने जिले के समस्त उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे कृषकों को सूचित करते हुए कहा कि टमाटर, बैगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च एवं अदरक में खरीफ वर्ष 2022-23 अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की गई है। जिले के ऋणी व अऋणी कृषक 15 जुलाई 2022 तक लोक सेवा केन्द्र, बैंक शाखा, सहकारी समिति या बीमा कंपनी बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर अपने उद्यानिकी फसलों का बीमा करा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस योजना में सभी अऋणी कृषक (भूधारक एवं बटाईदार)जो इस योजना में शामिल होने के इच्छुक है, ऐसे कृषकों को घोषणा पत्र के साथ फसल बुआई प्रमाण-पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र सहित संबंधित अन्य अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। चयनित उद्यानिकी फसलों का बीमा कराये जाने के लिये किसानों को उन फसलों के लिए निर्धारित ऋणमान का 5 प्रतिशत राशि के रूप में देना होगा, शेष प्रीमियम की राशि 50-50 प्रतिशत राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।