अंबिकापुर: कलेक्टर विलास भोस्कर ने मंगलवार को अम्बिकापुर के बांकी डेम एवं घुनघुट्टा डेम का निरीक्षण किया। उन्होंने गर्मी के मौसम में नगरीय क्षेत्र में होने वाली समस्या को दृष्टिगत रखते हुए जलस्तर की स्थिति का अवलोकन किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना आवश्यक है, पानी की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में हो,हमारी प्राथमिकता पेयजल की आपूर्ति करना है। इस हेतु उन्होंने कार्ययोजना बनाकर अभी से तैयारी शुरू किए जाने के सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
घुनघुट्टा डेम के निरीक्षण के दौरान में पीएचई एवं जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि डेम में पानी का लेवल 580.55 मीटर, डेड स्टोरेज क्षमता 19.95 एमसीएम, लाइव स्टोरेज क्षमता 62.05 एमसीएम है। वर्तमान में डेम में 53 एमसीएम यानी कुल 85 प्रतिशत पानी है। डेम से निकलने वाली लेफ्ट बैंक कैनल 36 किलोमीटर एवं राइट बैंक कैनल 34 किलोमीटर है। डेम के माध्यम से 62 गांवों में सिंचाई होती है। खरीफ सीजन में 7650 हेक्टेयर तथा रबी सीजन नें 5400 हेक्टेयर सिंचाई की क्षमता है। इसी प्रकार बांकी डेम के विषय में बताया गया कि बांध की जल भराव क्षमता 17.07 मिलियन घन मीटर है, 611.15 मीटर तक पानी भरा जा सकता है। बांकी डेम की डेड स्टोरेज क्षमता 1.35 एमसीएम, वर्तमान में यहां 2 एमसीएम पानी है। यह पानी तकिया स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जाता है। यहां से निगम क्षेत्रों में जलापूर्ति हेतु टंकियों में पानी सप्लाई किया जाता है।
तकिया एवं कतकालो जल संशोधन संयंत्रों के माध्यम से नगरीय क्षेत्र में हो रही है पेयजल आपूर्ति-
इस दौरान कलेक्टर श्री भोस्कर ने तकिया स्थित जल संशोधन संयंत्र का भी अवलोकन किया। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नगर पालिक निगम आबिकापुर क्षेत्रांतर्गत 02 जलसंशोधन संयंत्र क्रमशः तकिया एवं कतकालो के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। तकिया स्थित जलशोधन संयंत्र बांकी जलाशय पर आधारित है, जिसकी क्षमता 17.50 एमएलडी है। वर्तमान में इस वर्ष वर्षा कम होने एवं बांकी जलाशय में जलभराव कम होने के कारण तकिया जल संशोधन संयंत्र के माध्यम से प्रतिदिवस 17.50 एमएलडी के विरुद्ध लगभग 8 एमएलडी की पेयजल आपूर्ति की जा रही है। बांकी जलशाय में आज दिनांक कुल भराव क्षमता का 12 प्रतिशत पानी उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त कतकालो स्थित जलसंशोधन संयंत्र घुनघुट्टा जलाशय पर आधारित है। जिसकी क्षमता 15.0 एमएलडी है। जिससे पूर्ण क्षमता अनुरूप पेयजल की आपूर्ति निकाय में की जा रही है। वर्तमान में निकाय स्थित कुल 17 नग उच्चस्तरीय जलागारों को दोनों जल संशोधन संयंत्रों के माध्यम से प्राप्त कुल 23 एमएलडी पेयजल के माध्यम से आपूर्ति की जा रही है।