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सूरजपुर: कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में इफ्फत आरा की अध्यक्षता में आगामी मानसून के मद्देनजर प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए सभी जरूरी आवश्यकता एवं जरूरतों की चीजों को व्यवस्थित रखने संबंधित विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने वर्षा मापक केन्द्रों की स्थापना की जानकारी ली तथा वर्षा मापक यंत्रों का उचित संधारण कर अधीक्षक भू-अभिलेख सूरजपुर को नियमित प्रदाय करने निर्देशित किया एवं भू-अभिलेख नियमित रूप से जानकारी संकलित कर जिलेवार एवं तहसीलवार राहत आयुक्त कार्यालय पर प्रतिदिन निर्धारित प्रपत्र में आवश्यक रूप से भेजना सुनिश्चित करने निर्देश दी। नियंत्रण कक्ष की स्थापना के लिए जिला अनुविभाग एवं तहसील स्तर में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दूरभाष नम्बर राहत आयुक्त कार्यालय एवं जिला कार्यालय को देना सुनिश्चित करने कहा जो कंट्रोल रूम 24 घण्टा काम करेगा। जिस कर्मचारी की ड्यूटी लगी हो उनका नाम व फोन नंबर दर्ज करें तथा कंट्रोल रूम की जानकारी आम नागरिकों को उपलब्ध कराने हेतु प्रचार-प्रसार एवं सूचना पटल पर दर्शित करने कहा है।
इस दौरान डीएफओ संजय यादव, जिला पंचायत सीईओ लीना कोसम, संयुक्त कलेक्टर शिव बनर्जी, एसडीएम दीपिका नेताम, सागर सिंह, डीएसपी नंदनी पैकरा, डिप्टी कलेक्टर वहीदूर्रहमान एवं विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर सुश्री आरा ने पहुंच विहीन क्षेत्रों में खाद्यान्न सामग्री एवं दवाईयों की व्यवस्था की जानकारी ली तथा खाद्य अधिकारी को पहुंच विहीन क्षेत्रों में जहां बाढ की स्थिति में पहुंचना संभव नहीं हो वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री, केरोसीन आदि संग्रहित कर तत्काल उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारी को पहुंच विहीन क्षेत्र जहां उप स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित है वहां जीवन रक्षक दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने पेयजल की शुद्धता एवं स्वच्छता हेतु पेयजल की शुद्धता बनाए रखने के लिये नगर एवं ग्राम स्तर पर कुंआ, हैंडपम्प आदि में ब्लीचिंग पावडर पर्याप्त मात्रा में डालने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही आस-पास जमा पानी का निकासी व साफ-सफाई कराने कहा। उन्होंने कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी को ग्रामों के जो हैण्डपम्प बिगड़े हुए हालत में हैं उन्हें तत्काल सुधार कराना सुनिश्चित करने निर्देशित किया।
कलेक्टर ने बाढ़ क्षेत्र की पहचान करने कहा जिला बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नहीं है किन्तु खण्ड वर्षा एवं अतिवृष्टि बनी रहती है इन क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखने की व्यवस्था करने कहा जिससे नदी, नालों के समीप निवासरत ग्रामों में आवश्यक व्यवस्था किया जाना सुनिश्चित करें एवं नदियों में अतिवृष्टि के पानी को छोड़ने के 12 घण्टे पूर्व ग्रामीणों को सूचित कर सुरक्षित स्थान पर भेजने व उनको ठहराने की व्यवस्था पुलिस एवं नगर सेना के सहयोग से करना सुनिश्चित करें तथा इस कार्यालय को सूचित करें इसी प्रकार कमजोर जलाशयों को चिह्नांकित कर व्यवस्था दुरुस्त रखने निर्देशित किया है। उन्होंने नालियों का साफ-सफाई की जानकारी ली एवं नगरीय क्षेत्र में वर्षा के कारण नालियां अवरुद्ध हो जाती है, पानी का निकासी सही ढंग से नहीं हो पाता जिससे पानी भरने की संभावना बनी रहती है। नगर पालिकाओं के द्वारा तमाम नालियों की साफ-सफाई करना सुनिश्चित करने निर्देश दी। उन्होंने बाढ़ से बचाव संबंधी जो भी उपकरण उपलब्ध हो उनकी दुरुस्ती आदि कराकर तुरंत उपयोग हेतु तैयार रखा जाये। मोटर बोट्स एवं अन्य उपकरणों व सामग्री की आवश्यकता है समय पूर्व दुरुस्त रखने कमाण्डेंट नगर सेना को निर्देशित किया।