सूरजपुर: कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने जिला सीईओ राहुल देव की उपस्थिति में कलेक्टर कैम्प कार्यालय पर जिले में कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए, उसके प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारियों सहित समस्त डाक्टरों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने होम आइसोलेशन, टेस्टिंग, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन प्लांट, लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट, कंटेनमेंट जोन, एंबुलेंस एवं वाहन व्यवस्था, मुक्तांजलि वाहन व्यवस्था की जानकारी ली।

उन्होंने कोरोना नियंत्रण के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड में आने जाने वाले यात्रिओं की लगातार मोनिटरिंग करते हुए, ट्रेन की आने की जो टाइम है उसके अनुसार टेस्टिंग बढ़ाने कहा। तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए सभी चौक चौराहों में जाने वालों को कोविड प्रोटोकोल का कड़ाई से पालन कराने के लिए निर्देश।

सभी नोडल अधिकारियों को पॉजिटिव मरीज का विवरण डेली अपडेट करने, दवाई वितरण, संबंधित मरीज के लिए डॉक्टर मुहैया कराने, कंटेंटमेंट जॉन घोषित करने की व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने मरीज के समुचित इलाज के लिए डॉक्टर द्वारा मरीज से संपर्क करने कहां है। उन्होंने मरीजों को मेडिसिन कीट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के कहा। उन्होंने होम आसोलेशन वाले मरीजो के फाओअप की जानकारी ली, तथा जो मरीज होम आइसोलेशन में है, उनके बायो मेकिडल वेस्ट के निपटान की समुचित व्यवस्था करने के कहा। सीएमएचओ को पर्याप्त मात्रा दवाई की किट तैयार करने तथा तैयार किट की वितरण सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेड एवं आक्सीजन युक्त कान्सट्रेटर बेड की जानकारी ली।
कलेक्टर ने बताया कि पिछले दो से ढाई माह में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर कोरोना के दूसरी लहर के बाद स्वास्थ्य विभाग का नक्शा बदलकर रख दिया। आज हमारे पास पाइप लाइन युक्त आक्सीजन बेड की संख्या एवं आक्सीजन युक्त कान्सट्रेटर युक्त की पर्याप्त व्यवस्था है। उन्होंने सभी ब्लॉकवार बीएमओं से सीएचसी की तैयारी की जानकारी लेते हुए कहा कि समस्त सीएचसी से जो मांग जिला चिकित्सालय में भेजी गई थी वो सामग्रिया उपलब्ध हो गयी है। सामग्रियां उपलब्ध होने के बाद सभी बीएमओ अपने सीएचसी का उन्नयन कर उसे आपरेशन थियेटर में तबदील करने कहा। जिससे आने वाले समय में हम जितने भी मोतियाबिंद के आपरेशन जो जिला चिकित्सालय में होता है। वह ब्लॉक मुख्यालय में हो, जिससे हितग्राही लो सुविधा होगी और जिला चिकित्सालय पद दबाव कम होगा।

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