सूरजपुर: सूरजपुर के DEO ने स्कूलों के फर्नीचर की खरीदी में किये गये घोटाला करने के संबंध में कमिश्नर ने जांच का आदेश दिया है।
जानिए पूरा मामला
सूरजपुर जिला के शिक्षा अधिकारी के द्वारा स्कलों के फर्नीचर की खरीदी में किये गये घोटाला करने के संबंध में डी0के सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यतकर्ता द्वारा 29 नवंबर को एक शिकायत आवेदन आयुक्त सरगुजा संभाग अम्बिकापुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्कूलो में फर्नीचर सप्लाई के लिए लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर छ0ग0 द्वारा आदेश क्रमाक / 305 / बजट / फर्नीचर / 53 / 2022-23 को दिनांक 23 /9/2022 को जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर छ0ग0 के प्रति कार्यालय एवं जिले में संचालित शासकीय प्रा.शा. पूर्व माध्यमिक शाला, हाई स्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं में कार्यालय फर्नीचर क्रय हेतु आबंटन की स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें प्राथमिक शाला हेतु कुल 2401637 रूपये, पूर्व माध्यमिक शाला हेतु कुल 1803904 रूपये, उच्चतर माध्यमिक शाला हेतु 2895299 रूपये जो कुल ईंकहत्तर लाख आठ सौ चालिस रू है।
इस आबंटन आदेश के उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय के द्वारा सप्लाई ऑर्डर दिनांक 10 अक्टूबर 2022 को श्कृष्णा उद्योग रायपुर को दिया गया जिसमें स्टूडेन्ट डेक्स एवं स्टूडेन्ट बैंच 542-542 नग को प्रदान करने का निर्देश दिया गया। 10 अक्टूबर 2022 को ही सप्ताई ऑर्डर नं0० 322101000057 जो अल्ट्रा मॉडल इन्डस्ट्र पटपरिया, अम्बिकापुर को दिया गया जिसमें स्टूडेन्ट डेक्स 504 एवं स्टूडेन्ट बैंच 505 नग प्रदान करने का आदेश दिया गया।
संचलानालय लोक शिक्षण रायपुर के द्वारा बजट पत्र क्रमांक 239 / बजट / फर्नीचर / 52 / 2022-23 नवा रायपुर दिनांक 23/9/ 2022 के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर को गैर कार्यालय फर्नीचर हेतु पूर्व माध्यमिक शाला के लिये 6280148 /-रू एवं हाई एवं हायर सेकेण्डरी के लिये 7992037 /-रू योग 14272485 / – रु (एक करोड बयालिस लाख बहत्तर हजार एक सौ पचासी रू) का आबंटन भेजा गया।
जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा उपरोक्त आबंटन से काफी घटिया गुणवत्ता विहिन क्वालिटी के फर्नीचर कृष्णा उद्योग रायपुर एवं अल्ट्रा मॉडल इन्डस्टी अम्बिकापुर से क्रय किया गया है तथा जितनी संख्या फर्नीचर देने के संबंध में बताया जा रहा है उतने फर्नीचर स्कूलो में नहीं पहुंच पाये है तथा बिना भौतिक सत्यापन किए ही स्कूलों में सप्लाई भी करा दी गई है और न ही सूरजपुर जिले के स्कूलों में उनके मांग पत्र के अनुरूप फर्नीचर सप्लाई की गई जो कि साफ तरीके से सप्लायर के साथ मिलकर जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा गोलमाल किया गया है।जो फर्नीचर खुले बाजारों में दो से तीन हजार रूपये में मिल जाते है वैसे फर्नीचरों की बिलिंग जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा सप्लायर से मिली भगत कर सात-आठ हजार रूपये में क्रय की गयी है तथा उसमें जिला शिक्षा अधिकारी एवं क्रय समिति में संलग्न सभी कर्मचारी, अधिकारीगण के द्वारा मोटी कमीशन लेकर अवैध कमाई की गई है। जिसकी जांच कराकर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध शासकीय राशि का गबन करने एवं दुरूपयोग करने के संबंध में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ तत्कालीन अधिकारी कर्मचारियों ने मिलीमगत कर घटिया सामग्री की खरीदी की और शासन के नियमों कों ताक पर रख कर शासन को लाखो रूपये का गबन कर आपराधिक कृत्य किया गया है।
शासकीय विभागों में इस तरह के सामानों के खरीदी या बिक्री लिए अखबारों में सूचना प्रकाशित करा कर जन साधारण सहित अन्य लोगो को सूचित किया जाता है और पारदर्शी तरीके से खुली निविदा के माध्यम से निर्धारित दर पर खरीदी जाने होते हुए भी इस प्रावधान का उल्लंघन किया गया है तथा बजट आदेश में साफ तरीके से उल्लेख था कि छ0ग0 भण्डार क्रय नियम त्तथा छ0ग0 वाणिज्य एवं उद्योग विभाग समय-समय पर जारी नियमों का कडाई से पालन सुनिश्चित किया जाये उसके अलावा फर्नीचर का क्रय शालाओ के आवश्यकता तथा फर्नीचर के रखरखाव के अनुसार क्रय किया जाना था लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा शालाओं के आवश्यकता के विपरीत घटिया क्वालिटी का फर्नीचर क्रय किया गया है जिसकी जांच कराया जाना आवश्यक है।
क्रय किये गये फर्नीचर का प्रत्येक संधारित स्टॉक पंजी में अनिवार्य रूप से दर्ज कराना था तथा निरीक्षण के दौरान इन स्टॉक पंजी का भी निरीक्षण किया जाना था लेकिन किसी भी शाला के स्टॉक पंजी में फर्नीचर क्रय करने के संबंध में स्टॉक पंजी में जमा नही किया गया है और ना ही फर्नीचरो की क्वालिंटी एवं उसकी गुणवत्ता की जांच कराई गई है ।
जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा उक्त फर्नीचर क्रय करने में यह भी गलती की गयी है कि जिले के कई स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या काफी कम है लेकिन यहां भी अधिकारी व कर्मचारीगण ने मनमाने तरीके से अधिक फर्नीचर की सप्लाई कर बिलिंग कर दी गई है। जो कि नियम विपरीत है। साथ ही साथ फर्नीचर खरीदी को लेकर अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा शासन के किसी भी गाईड लाईन का पालन नहीं किया गया है और मानक के विपरीत खरीदी की गई है इन फर्नीचरों का किसी भी सक्षम अधिकारी के द्वारा भौतिक सत्यापन नहीं कराया गया है और ना ही जिले के स्कूलों में मांग पत्र के अनुरूप फर्नीचर की सप्लाई की गई है। अन्य भी नियमों का पालन क्रय करने वाले अधिकारी के द्वारा नहीं किया गया है और अपने चहेते फर्म को ऑर्डर देकर लाखो रूपये की मोटी कमीशन खाया गया है।
इस तथ्यो के आधार पर आयुक्त सरगुजा संभाग ने डी0के0 सोनी के शिकायत पर उपायुक्त सरगुजा संभाग अम्बिकापुर द्वारा 14 अक्टूबर को कलेक्टर सूरजपुर को शिकायत आवेदन पत्र में उललेखित तथ्यों की जांच कराकर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुये जांच प्रतिवेदन 7 दिवस के भीतर कार्यालय को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।