बलरामपुर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिले के अंतर्गत तीन वर्ष की खण्ड अवधि के लिए पैनल अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई है। इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलरामपुर, रामानुजगंज तथा विधिक सेवा एवं सेवा समिति बलरामपुर, राजपुर एवं वाड्रफनगर हेतु गठित नवीन पैनल अधिवक्ताओं के मध्य एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वप्रथम सभी पैनल अधिवक्ताओं ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी को अपना परिचय दिया। तत्पश्चात कुरैशी ने पैनल अधिवक्ताओं को उनके कर्तव्य के बारे में बताते हुए कहा कि अधिवक्ताओं का व्यवसाय कर्तव्य परायणता व निष्ठा का माना गया है इसलिए इस व्यवसाय में वही व्यक्ति सफल हो सकता है जो अपने कर्तव्य के प्रति समुचित रूप से जागरुक व समर्पित है। उन्होंने उपस्थित पैनल अधिवक्ताओं को दीवानी, आपराधिक राजस्व, पॉक्सो घरेलू हिंसा अधिनियम, पीड़ित क्षतिपूर्ति अधिनियम व अन्य कानूनों के बारे में बताया। जिससे पैनल अधिवक्ताओं का ज्ञान वर्धन एवं स्किल डेवलेपमेंट हो सके और वे अपने कार्य को बेहतर ढंग से कर सकें।
द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने संबोधित करते हुए पैनल की नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि पैनल अधिवक्ता एक वर्ष की अवधि के लिए गठित किया जाएगा जो कि कुल तीन वर्ष तक नवीनीकृत किया जा सकेगा। पैनल अधिवक्तागण विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 एवं उसके तहत् बनाये गये नियम, विनियम एवं योजनाओं के क्रियान्वयन तथा समय-समय पर जारी निर्देशों के अधीन विधिक सेवाएं प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि कार्य में लापरवाही बरते जाने पर किसी भी समय बिना नोटिस दिये पैनल अधिवक्ता की सेवाएं समाप्त की जा सकती है, जिसके प्रति कोई आपत्ति नहीं की जा सकती।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार खाखा ने कहा कि सिखने का कोई अन्त नहीं होता, व्यक्ति जीवन भर सीख सकता है। उन्होंने प्रो-बोनो के बारे में बताते हुए कहा कि प्रो-बोनो एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है लोगों की भलाई के लिए, इसके अंतर्गत कानूनी सेवाओं को जनता की भलाई के लिए मुफ्त या कम शुल्क पर दी जाती है। प्रो-बोनो से यह उम्मीद की जाती है कि निःशुल्क सेवाओं के माध्यम से उच्च प्रशिक्षित सफल शीर्ष कानूनी पेशेवरों के साथ-साथ नए वकीलों के कौशल का लाभ ऐसे लोगों को मिल सके, जो वकीलों की महंगी फीस को वहन करने में असमर्थ हैं। अधिवक्ता संघ रामानुजगंज के अध्यक्ष आर. के. पटेल ने कहा कि आज यह आवश्यकता है कि गरीब पक्षकार के प्रति कैसे पैरवी किया जाए। उन्होंने कहा कि गरीब पक्षकारों को हर संभव कानूनी सहायता प्रदान किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेशमा बैरागी, जिला न्यायालय के अधिकारी-कर्मचारी सहित अधिवक्तागण उपस्थित थे।