अम्बिकापुर: छत्तीसगढ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि सरगुजा संभाग में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों की आबादी करीब 90 हजार से 1 लाख तक है जिनकी शैक्षिक एवं आर्थिक दशा कमजोर होने के कारण अब भी समाज की मुख्य धारा से दूर हैं। शासन एवं प्रशासन के प्रति इन लोगों में विश्वास बहाल करने के लिए इनके समुदाय के लोगों को शासकीय संस्थाओं से जोड़ना जरूरी होगा। श्री सिंहदेव ने शनिवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा के विस्तार पर चर्चा करते हुए कहा।श्री सिंहदेव ने कहा कि बलरामपुर एवं जशपुर जिले में विगत महिनों में हुए पण्डों एवं पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों के मृत्यु के संबंध में राज्य शासन द्वारा गंभीरता से लेते हुए जांच एवं परीक्षण कराया गया है। उन्होंने कहा कि बलरामपुर जिले में पण्डों समुदाय के लोगों के मृत्यु के संबंध में विशेष टीम द्वारा जांच कराया गया है जिसमें इन समुदाय के मृत्यु दर करीब 23 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति लोगों के बसाहटों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच तथा उनके बसाहट तक आवागमन की साधन को भी चिन्हांकन करना होगा। इन समुदाय के लोगों का जुड़ाव प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा मेडिकल कालेज में हो इसके लिए शासन एवं प्रशासन स्तर पर पहल एंव प्रयास करने की जरूरत है। श्री सिंहदेव ने कहा कि डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत हितग्राहियों को मिलने वाली स्वास्थय सुविधाओं पर निगरानी रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत शासन से मिलने वाली राशि के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि की भी समीक्षा करना जरूरी है। उन्होंने प्रोत्साहन राशि दावा प्रकरण के निराकरण के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर भर्ती करने के निर्देश दिए।स्वास्थ्य मंत्री ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नवापारा में शुरू किए गए कीमोथेरेपी वार्ड की सराहना करते हुए कहा कि राज्य स्तर पर इस तरह के 200 मॉडल स्वास्थ्य केन्द्र बनाए जाएंगे जिसमें सभी प्रकार स्वास्थ्य सेवाए होंगे। इसके तहत सरगुजा जिले के 10 स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन किया जाएगा।बैठक में रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव, संगवारी संस्था के संस्थापक डॉ योगेश जैन संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ पीएस सिसोदिया सहित संभाग के जिलों के सीएमएचओ, डीपीएम एवं चिकित्सक उपस्थित थे।