कांग्रेस ने अपने चिंतन शिविर के आखिरी दिन रविवार को कई बड़े सुधारों वाले ‘नवसंकल्प’ मसौदे को अप्रूवल दिया, जिसमें ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था सबसे प्रमुख है। साथ ही, यह शर्त भी रखी गई है कि परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने संगठन के लिए कम से कम पांच साल तक काम किया हो।
सूत्रों के अनुसार, ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रावधान को मंजूरी देने के साथ ही पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों का संगठन में प्रतिनिधित्व बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने को भी स्वीकृति प्रदान की है।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ से पहले राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवा और सशक्तीकरण से संबंधित समन्वय समितियां गठित की थीं। इन समितियों की अलग-अलग बैठकों में 400 से अधिक नेताओं ने पिछले दो दिन में गहन मंथन किया और पार्टी के संगठन में सुधार तथा कई अन्य विषयों पर सुझाव दिए।
पार्टी के चिंतिन शिविर के लिए गठित राजनीतिक मामलों की समन्वय समिति के सदस्य चव्हाण ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हटाकर मतपत्र से चुनाव कराने का वादा अगले लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में करना चाहिए और इस मुद्दे को जनता के बीच भी ले जाना चाहिए। चव्हाण ने कहा कि यह उनकी निजी राय है, लेकिन कई नेताओं ने भी इस पर सहमति जताई है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईवीएम पर बहुत चर्चा हुई है। बहुत घपलेबाजी हो रही है। मेरी निजी राय है कि आग्रह करने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे नहीं हटाएंगे। हमें उन्हें हराना पड़ेगा।