रायपुर । उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (बाबा) द्वारा मौका मिलने पर मुख्यमंत्री बनने के दिए गए बयान को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि यह उनका (सिंहदेव) व्यक्तिगत बयान हो सकता है। सीएम का चेहरा तय करने का अधिकार तो कांग्रेस हाईकमान के पास ही है। वहीं भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कांग्रेस की सरकार तो आ नहीं रही है। सिंहदेव के दुखी होने का समय जनता ने तय कर दिया है। वह अच्छे नेता हैं और अब नेता प्रतिपक्ष बनकर हमारे साथ रहें।

बता दें कि सिंहदेव ने तीन दिन पहले अंबिकापुर में मीडिया से चर्चा में कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। अगर कप्तानी का मौका मिलेगा तो जरूर करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि यह तो सलेक्शन कमेटी ही तय करती है। सिंहदेव ने यह भी कहा था कि यह उनके लिए आखिरी मौका है। आगे चुनाव नहीं लड़ना चाहते। हाईकमान जो तय करेगा, वैसा ही करेंगे। गौरतलब कि सूबे में पिछली बार भी सीएम पद के लिए सत्ता संघर्ष नजर आया था। भूपेश सरकार कथित ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर मीडिया में लगातार सुर्खियों में बनी रही।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सोमवार को सिंहदेव के बयान पर मीडिया के समक्ष प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे हमारे वरिष्ठ नेता हैं। वो बड़े लीडर हैं। उनका कहना-सोचना छत्तीसगढ़ के लिए मायने रखता है, लेकिन उनका यह बयान व्यक्तिगत है। भाजपा को सिर्फ मुद्दा चाहिए। हमारी सरकार बन रही है। उसके बाद विधायक दल की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। अंतिम फैसला आलाकमान का रहेगा। छत्तीसगढ़ में 75 से ज्यादा सीटें जीतेंगे।

सिंहदेव के सीएम पद की उम्मीदवारी और चुनाव नहीं लड़ने के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि वह सही बोल रहे हैं। उनके मन की पीड़ा है। पांच साल से वह इंतजार करते रहे हैं। वादा करके उनको पांच साल तक घुमाते रहे। उनकी इच्छा गलत समय पर जागृत हुई है। अब भाजपा की सरकार बन रही है। क्या मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी करेंगे? इस प्रश्न पर रमन सिंह ने कहा कि चेहरा भाजपा ने तय नहीं किया है। सामूहिक नेतृत्व हमने पहले से तय किया है। विधायक दल की बैठक में चयन हो जाएगा। उसमें विलंब नहीं होगा।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि बाबा अब मुख्यमंत्री तो बनेंगे नहीं। वह अच्छे नेता हैं। हम चाहेंगे कि भाजपा की सरकार में वह नेता प्रतिपक्ष बनकर हमारे साथ रहें। अच्छा विपक्ष होगा तो काम में आनंद आता रहेगा।

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