रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कनेक्टेड लर्निंग इनीशिएटिव कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कनेक्टेड लर्निंग फार स्टेम की टीम ने गत दिनों छत्तीसगढ़ का दौरा किया। इस टीम में नाईजीरिया, तनजानिया, और भूटान के साथ टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस के लोग भी शामिल थे। यह कार्यक्रम धमतरी जिले में लागू है। इसे टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल सांइंसेज मुम्बई द्वारा संचालित किया जा रहा है।
कनेक्टेड लर्निंग इनीशिएटिव एक शैक्षणिक प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य फोकस हायर सेकेडरी के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए डिजिटल रिसोसेज की पहुंच को आसान बनाना है। विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया में तकनीकी मदद से और बेहतर बनाना है। जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि के साथ ही उनमें गणित, विज्ञान अंग्रेजी सहित सभी विषयों को आसानी से समझने की क्षमता आ सके।
कनेक्टेड लर्निंग फार स्टेम की टीम ने नाइजिरिया, तजानिया और भूटान में फील्ड विजिट के दौरान अनुभवों की प्रासंगिकता को जांचने का काम किया। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद के अधिकारियों ने इस टीम को टीचर आरिएंटेशन, शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली विभिन्न चुनौतियों के बारे में प्रेजेन्टेशन दिया। अधिकारियों ने कनेक्टेड लर्निंग इनिशिएटिव प्रोजेक्ट के विजन और तकनीक के प्रयोग से शिक्षा की गुणवत्ता में आ रहे बदलाव की जानकारी दी। लर्निंग प्रोसेस में आरही दिक्कतों के मद्देनजर रणनीति में किए गए बदलाव की भी जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि कनेक्टेड लर्निंग इनिशिएटिव प्रोजेक्ट लागू होने से शिक्षकों और विद्यार्थियों में सभी विषयों की पढ़ाई में रूचि में वृद्धि हुई है, उनका जुड़ाव भी बढ़ा है। तकनीक से परिचित होने के साथ ही उनमें ज्ञान बढ़ा है। उनकी पढ़ने और समझने की कुशलता में वृद्धि हुई है। इस टीम ने अटल टिंकरिंग लैब का भी भ्रमण किया और बच्चों से रूबरू होकर बच्चों के द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट की जानकारी ली। अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ की जनसंख्या, राज्य में स्कूलों की संख्या, शिक्षा के क्षेेत्र में किए जा रहे नवाचार, नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और पी.एम. ई-विद्या और डिजाइन लेब के संबंध में भी प्रेजेन्टेशन दिया और राज्य में संचालित बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मकता मिशन तथा अंगना में शिक्षा की विस्तार से जानकारी दी।