बलरामपुर: नालसा के तत्वावधान में व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामानुजगंज अशोक कुमार साहू के मार्गदर्शन मे 26 नवम्बर को जिला न्यायालय परिसर, रामानुजगंज तथा पोस्ट मैट्रिक कन्या एवं बालक छात्रावास रामानुजगंज में ‘‘संविधान दिवस‘‘ का आयोजन किया गया। न्यायालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आशीष पाठक, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), श्रीकांत श्रीवास, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पंकज आलोक तिर्की, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लोकश कुमार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनूप कुमार तिवारी, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ, विपिन बिहारी सिंह, अधिवक्ता, अवधेश गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता, जिला न्यायालय के समस्त अधिवक्तागण एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम में संविधान की उद्देशिका का पाठन किया गया। तत्पश्चात् मुख्य अतिथि आशीष पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में सामाजिक आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय का उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार सामाजिक न्याय के अंतर्गत विधिक सेवा प्राधिकरण से मिलने वाली सुविधाएं जैसे-निःशुल्क विधिक सहायता, एलएडीसीएस की नियुक्ति आदि को उनके द्वारा विस्तारपूर्वक बताया गया।

श्रीकांत श्रीवास ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे देश का संविधान अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया जैसे लोकतांत्रिक देशों के महत्वपूर्ण एवं श्रेष्ट प्रावधानो से प्रेरणा ले कर बनाई गई है। ‘‘संविधान की प्रस्तावना‘‘ हमारे देश के संविधान का दर्पण है। संविधान की प्रस्तावना में स्वाधीनता, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता जैसे तत्व भी शामिल हैं। इस प्रकार यह राजनैतिक लोकतंत्र के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना को भी एक आयाम देता है। हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

शपंकज आलोक तिर्की ने संविधान के महत्व को बताते हुए कहा कि, संविधान दिवस सभी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण है। यह दिन भारतीय संविधान के महत्व पर जोर देता है और यह बताता है कि देश के नागरिकों के लिए संविधान क्यों आवश्यक है। अनूप तिवारी, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ ने कहा कि संविधान का मूल सार संविधान की प्रस्तावना में निहित है। संविधान की प्रस्तावना से ही व्यक्ति संविधान के मूल सार को जान सकता है।

श्री विपिन बिहारी, अधिवक्ता ने कहा कि, स्वतंत्रता पश्चात देश चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता थी, यह देश के विकास के लिए अत्यंत जरुरी था। अंत में लोकेश कुमार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि हमारे भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार के साथ-साथ मौलिक कर्तव्य भी प्रदान किये गये हैं, जिनका पालन करना हम समस्त भारतीय नागरिकों का कर्तव्य है।

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