सूरजपुर: लगातार जलवायु में परिवर्तन और पर्यावरणीय परिस्थितियां में उतार-चढ़ाव अक्सर नई रोगों का कारण बनते है। मवेशियों में नये रोगों में लम्पी स्किन रोग पशु पालकों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। देश के कई राज्यों में मवेशियों में एल.एस.डी. रोग पैर पसार चुका है। पशुपालकों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने हेतु पशुधन विकास विभाग सूरजपुर द्वारा नित नये प्रयास किये जा रहे है।

अकसर किडे़ पशुओं के शरीर से आवश्यक पोषक तत्वों को ग्रहण करते है, जिससे पशु कमजोर हो जाती है और उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। यथा संभव हो तो टीकाकरण से पहले कृमिनाशक दवा अवश्य पिलाना चाहिए। टीकाकरण को कारगर बनाने हेतु टीकाकरण से पूर्व डिर्वामिंग एवं डी-टिकिंग बहुत जरूरी है। यह रोग जैसे मच्छर, मक्खी, किलनी इत्यादि के द्वारा फैलता है। इसके साथ-साथ पशुओं के बाड़े में भी किटनाशक का छिड़काव एवं पशु गृह अन्दर कोने पर चूने का छिड़काव भी करना चाहिए।

लम्पी स्किन रोग से बचाव हेतु एक मात्र उपाय टीकाकरण है। लम्पी स्किन रोग गोट पॉक्स फैमिली के वायरस द्वारा होता है। अतः बचाव हेतु पोट पॉक्स टीका का उपयोग गौवंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं में किया जाता है। लगातार शिविरों के माध्यम से निःशुल्क पशुओं में किलनी नाशक एवं अन्तपरजीवी नाशक दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। जिले के मध्यप्रदेश के बार्डर से लगे हुए विकासखण्ड़ ओड़गी के चेक पोस्ट नवाटोला (चांदनी बिहारपुर) में वन विभाग के सहयोग से पशुधन विकास विभाग द्वारा निरन्तर पशुओं के आवाजाही पर निगरानी रखी जा रही है। 22 सितम्बर 2022 को विभाग द्वारा डॉ. के.एम. यादव, डॉ. सन्तु कुमार गुप्ता एवं डॉ. आशुतोष चौबे की उपस्थिति में लम्पी स्किन रोग को रोकने हेतु निःशुल्क टीकाकरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण हेतु शिविर का आयोजन किया गया। सभी पशुपालकों से आग्रह किया जाता है कि अन्य राज्यों से पशु क्रय न करे एवं किसी भी तरह का एल.एस.डी. संबंधी रोग लक्षण दिखने पर अपने समीपस्थ पशु चिकित्सालय में तत्काल संपर्क करें।

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