सूरजपुर: छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले संविदाकर्मी सोमवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं। इस आंदोलन में राज्यभर के 45 हजार संविदा कर्मचारी शामिल हैं। यह आंदोलन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है।

बता दें कि, कर्मचारियों की नाराजगी कांग्रेस की ओर से नियमितीकरण का वादा पूरा नहीं करने की वजह से है। जिन विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं, उनमें स्वास्थ्य, मनरेगा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, अन्य विभाग शामिल हैं, जिनमें कामकाज इस हड़ताल की वजह से प्रभावित पहला ही दिन से हो गई हैं। बीते साढ़े 4 सालों से अलग-अलग समय पर कर्मचारी संगठन आंदोलन करते रहे हैं। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया है कि कई बार बातचीत की पहल करने के बावजूद प्रशासनिक अफसरों ने कोई चर्चा नहीं की और ना ही इनकी मांगों पर ध्यान दिया। मजबूर होकर अब अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर्मचारियों को करना पड़ा है।

छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने 16 मई को जांजगीर जिले कि शिवरीनारायण से संविदा नियमितीकरण रथ यात्रा निकाली थी। यह रथयात्रा 33 जिलों से गुजरी। सभी जिला कलेक्टरों और 90 विधानसभा इलाकों में 90 विधायकों से मिलकर कर्मचारी उन्हें अपनी समस्या बताते रहे। मगर एक ने इनकी नहीं सुनी। कर्मचारियों का आरोप है कि 90 विधायकों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी संवेदनहीनता की स्थिति बनी जिसकी वजह से अब अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ रही है। सर्व संविदा कर्मचारी जिला संयोजक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि संविदा कर्मचारियों से साल 2018 के चुनाव के समय जन घोषणा पत्र लाकर कांग्रेस ने वादा किया, कि सरकार बनने के कुछ ही दिन बाद सभी को नियमित कर दिया जाएगा। 4 साल 6 महीने बीत जाने के बाद भी यह वादा अधूरा है जिसका विरोध लोकतांत्रिक ढंग से कर्मचारी कर रहे हैं। आज 3 जुलाई को महिला कर्मचारियों के द्वारा नियमितीकरण की मांग के लिए विभिन्न प्रकार के रंगोली अपने हाथों पर लगा कर शासन तक पहुंचाया गया। कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने पर शासकीय कामकाज हो रही प्रभावित।


कर्मचारियों की ये है मांग

संविदा कर्मचारियों की मांग है कि इन्हें स्थाई किया जाए, नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक दी जाए, वरिष्ठता का लाभ, वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति-पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकंपा नियुक्ति, बुढ़ापे का सहारा पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जाएं।3 जुलाई से 7 जुलाई तक 5 दिनों तक कर्मचारी अपने अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 7 जुलाई को जिला सूरजपुर एवं अन्य जिले में एक रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। रैली में सभी कर्मचारी काली पट्टी बांध कर निकलेंगे। कर्मचारियों ने यह भी तय किया है कि अगर बारिश हुई तो छाता भी काले रंग का ही इस्तेमाल करते हुए विरोध प्रदर्शन जारी रखा जाएगा। 8 और 9 जुलाई को कर्मचारी अपने आगे की रणनीति के लिए एक बैठक करेंगे। इसके बाद 10 जुलाई से होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी जारी दी जाएगी।

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