नई दिल्ली: दुनिया में कोरोना एक बार फिर से पैर पसारने लगा है। चीन जैसे तमाम देश कोरोना की मार जूझ रहे हैं। चीन में उनकी जीरो कोविड पॉलिसी ही उन्हें कोरोना से उबरने नहीं दे रही है। ऐसे में चीनीयों को वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना उन पर हावी हो रहा है क्यों कि उनके शरीर में हर्ड इम्यूनिटी बना ही नहीं है। इन सबके मद्देनजर भारत सरकार भी हाई अलर्ट मोड पर है। सरकार ने कोविड से निपटने के लिए समिक्षा बैठक भी की जिसमें कोरोना के जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।

भारत में बनी नेजल वैक्सीन को मिली मंजूरी

इसी दिशा में भारत सरकार ने अब नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्‍सीन को हरी झंडी दिखा दी है। नेजल वैक्‍सीन को नाक के जरिये स्‍प्रे करके दिया जाता है। अब सुई से डरने वालों का डर भी खत्म हो जाएगा क्यों कि इसमें बाजू पर टीका लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी दो खुराक दी जाती है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांड‍व‍िया बोल चुके हैं कि कोरोना की महामारी खत्‍म नहीं हुई है। कोरोना रूप बदल-बदलकर सामने आ रहा है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। नेजल वैक्‍सीन पर वह बोले क‍ि देश की मेडिसिन और वैक्सीन की जरूरत पूरा करने के लिए आज हम तैयार हैं। एक्सपर्ट कमेटी ने नेजल वैक्‍सीन (Nasal vaccine) को मंजूरी दे दी है। इसे भारत के वैज्ञानिकों ने विकसित क‍िया है। ये उनकी उपलब्धि है।

ऐसे दी जाएगी खुराक

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को ही राज्यसभा को बताया था कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए इस साल 5 सितंबर को रिकोम्बिनेंट नेजल (नाक से लेने वाले) कोविड-19 टीके को मंजूरी दे दी थी। पवार ने एक लिखित जवाब में कहा कि टीका 28 दिनों के अंतराल में 0.5 मिलीलीटर की 2 खुराक में दिया जाना है। इस टीके को नाक के माध्यम से लिया जाता है।

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