बलरामपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक पांडेय ने परिवादी पूरनचंद जायसवाल द्वारा प्रस्तुत अपराधिक परिवाद निरस्त करते हुए पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष शिवनाथ यादव को दोष मुक्त किया।
अधिवक्ता सुनील सिंह ने बताया कि परिवाद 18 मार्च 2019 को परिवादी द्वारा प्रस्तुत किया गया था जिसमें सुनवाई के दौरान परिवादी ने स्वयं अपना साक्षी व दस्तावेज साक्षय प्रस्तुत किया था इसके अतिरिक्त आरोपी ने स्वयं के अलावा अपने बचाव में पांच अन्य स्वतंत्र गवाहों को न्यायालय में कथन कराया था और स्वयं को निर्दोश होना बताया था। परिवादी ने परिवाद में बताया था कि शिवनाथ यादव ने 3 लाख रुपए नगद उधार लिए थे जिन्हें चुकाने के लिए चेक क्रमांक 306495 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित राजपुर शाखा का प्रदान किया था। जिसे परिवादी ने अपने बैंक खाते में जमा किया था बाद में चेक अनादरण की सूचना प्राप्त होने पर न्यायालय में मामला प्रस्तुत किया गया था वहीं आरोपी की ओर से न्यायालय में यह तथ्य रखा गया कि परिवाद में मांग सूचना पत्र विधिक रूप से प्रदान नहीं की गई है इसके अलावा परिवाद समय पूर्व प्रस्तुत की गई है तथा शिवनाथ यादव की ओर से न्यायालय के समक्ष यह भी तथ्य रखे गए की किसी भी प्रकार का कोई लेन देन नहीं हुआ है। विधानसभा 2018 के चुनाव के दौरान दोनों ही राजनीतिक दलों से संबंध रखने वाले परिवादी व शिवनाथ यादव भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री के घर बैठे हुए थे इसी दौरान वहां काफी संख्या में लोग मौजूद थे और राजनीतिक चर्चा चल रही थी वहां पर शर्त लगाने के दौरान उभय पक्षों ने अपने-अपने चेक जमा किए थे परंतु बाद में चेक का उपयोग राशि आहरण के लिए किया गया जबकि चेक किसी दायित्व के उन्मोचन के लिए नहीं दिया गया था,उभय पक्षों की लंबी सुनवाई पक्ष मामले में लगभग 6 वर्षों बाद फैसला आया है। सुनवाई के दौरान शिवनाथ यादव की ओर से अधिवक्ता सुनील सिंह, जितेंद्र गुप्ता, जसवंत यादव परिवादी की ओर से रामनारायण जायसवाल अधिवक्ता ने पैरवी की थी। पूर्व जिलाध्यक्ष शिवनाथ यादव ने फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बगैर किसी दायित्व के लगभग 6 वर्षों तक न्यायालय में नियमित कार्यवाही में भाग लेने पश्चात इसी फैसले की उम्मीद थी इस फैसले से न्याय पर भरोसा और बढ़ गया है।
अधिवक्ता रामनारायण जायसवाल ने कहा कि शिवनाथ यादव ने अपने बचाव में जो पांच साक्षियों का बयान कराया है उसमें पूणतः वीरोधा भाषी है। न्यायालय में पारित निर्णय में शिवनाथ यादव के साक्षियों के बयान का उल्लेख नही किया है। उक्त निर्णय की अपील हाईकोर्ट में कर दी गई है। न्यायालय ने उक्त मामले पर गुण दोषों का उल्लेख नही किया है। परिवाद समय से पहले न्यायालय में पेश करने के कारण परिवाद निरस्त किया गया है। हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार है मुझे विश्वास है कि परिवादी को न्याय मिलेगा और शिवनाथ यादव को सजा सुनाई जाएगी।