बीजापुर: बीजापुर जिले के अंदरूनी गांव में स्थित चिंतावागु नदी पर CRPF और ITBP के जवानों ने रोपवे बनाया है। बारिश के दिनों में जवानों और ग्रामीणों के नदी पार करने में परेशान नहीं होगी। पहली बार बस्तर के किसी गांव में CRPF और ITBP के 22 इंजीनियर्स ने 30 दिन की कड़ी मेहनत कर 200 मीटर का रोपवे तैयार किया है। वहीं 5 जून से इसकी शुरुआत भी कर दी गई है।

दरअसल, बीजापुर जिले में पामेड़ का इलाका पूरी तरह से नक्सलियों का गढ़ है। यहां नदी-नालों पर पुल-पुलिया का निर्माण करना किसी चुनौती से कम नहीं है। इलाके में खोले गए सुरक्षाबलों के कैंप की वजह से कुछ सुविधाएं अंदरूनी गांवों तक जरूर पहुंच रही है, लेकिन कई इलाके ऐसे हैं जो आज भी विकास की बांट जो रहे हैं।पामेड़ की चिंतावागु नदी बारिश के दिनों में काफी शबाब पर होती है। नदी पार के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट जाता है। ऐसे में उस इलाके में यदि कोई भी इमरजेंसी सेवाएं हों वो पहुंच नहीं पाती है। जरूरत का सामान लेने, किसी बीमार को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी होती थी। वहीं नदी के दूसरी तरफ सुरक्षाबलों का कैंप स्थित है।

सामान्य दिनों में जवान नदी पार कर सर्च ऑपरेशन पर तो निकल जाते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में नदी में पानी ज्यादा होने की वजह से पार करने में जवानों को भी दिक्कत होती है। ऐसे में अब CRPF और ITBP के जवानों ने इन समस्याओं का समाधान निकाला और नदी पर करीब 200 मीटर रोपवे निर्माण कर दिया।

CRPF और ITBP के 25 इंजीनियर्स ने 2 मई को काम शुरू किया। धर्मावराम कैंप और चिंतावागु के बीच नदी में रोपवे बनाने सुबह से ही इंजीनियर्स काम पर लग जाते थे। करीब 33 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद यह रोपवे तैयार हुआ है। इसका कई बार ट्रायल भी किया गया। वहीं 5 जून को अधिकारियों ने इसका उद्घाटन कर दिया।

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