बलरामपुर।सरगुज़ा और बलरामपुर जिले में आरटीओ और माइनिंग विभाग की मिलीभगत से बिना पिटपास के खुलेआम दौड़ रहे क्रेशर वाहन, सरकार को हर माह करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इलाके में अवैध क्रशर प्लांट संचालित होने से सड़कों की दुर्दशा हो रही है। बिना पिटपास, इंश्योरेंस फेल, ओवर लोड़ गिट्टी वाहन को पस्ता थाना में खड़ा करवाया गया है। ओवर लोड वाहन चलने के कारण सड़क पूरी तरह उखड़कर गड्ढों में तब्दील हो जा रही है। जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। ओवर लोडिंग का शिलशिला काफी दिनों से चला आ रहा है। आरटीओ व माईनिंग विभाग को सब मालूम है कार्रवाई के नाम पर कभी- कभार दो- चार वाहनो को पकड़ कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति  कर देते है।


बिना पिटपास, फिटनेस फेल, ओवर लोड़, बिना इंश्योरेंस के सड़क पर मौत बनकर दौड़ रहा वाहन
22 जून को हाइवा वाहन क्रमांक जेएच 14 डी 1919 बरियों क्षेत्र से ओवर लोड़ गिट्टी लोड़ कर झारखंड जा रहा था ग्राम पाढ़ी जंगल के पास बाइक सवार एक पुलिसकर्मी को सामने से टक्कर मार दिया पुलिसकर्मी को पस्ता में प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति गंभीर देख मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। पुलिस जब हाइवा वाहन को जब्त कर थाना लाया तो हाइवा वाहन में करीब 10 टन ओवर लोड़ गिट्टी, बिना पिटपास, फिटनेस फेल, वाहन का इंश्योरेंस फेल, चालक के पास लाइसेंस नहीं था। वाहन मालिक नारायण यादव बताया गया। ज्ञात हो कि बरियों क्षेत्र से प्रतिदिन झारखंड करीब 150 वाहन व सरगुज़ा क्षेत्र में करीब 150 वाहन मौत बनकर दौड़ रहा है। बरियों के बाद कई थाना और चौकी पड़ता है मगर इन वाहनो पर कभी भी कार्रवाई नही होती। क्रेशर संचालक को वाहन मालिकों का तगड़ी पैठ हैं।
फिटनेस का फाइन कितना है
फिटनेस फेल वाहन को चलाने पर जांच के दौरान पकड़े गए तो अन्य जुर्माना के साथ फिटनेस फेल का जुर्माना भी वसूला जाएगा। यानी यदि फिटनेस फेल होने के एक साल बाद पकड़े जाते हैं तो 365 दिन का 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 18250 रुपए जुर्माना देना पड़ेगा।

 गाड़ी की फिटनेस का मतलब क्या है
वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए एक निश्चत प्रक्रिया होती है इसे पूरा करने के बाद ही यह प्रमाण पत्र जारी होता है। आपका वाहन तकनीकी मापदंडों के अनुसार सडक़ पर चलने के अनुकूल है या नहीं, यह आरटीओ विभाग आवश्यक निरीक्षण के बाद तय करता है और इसके बाद वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया शुरू होती है।

फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे बनता है
हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्वास्थ्य प्रमाण पत्र यानी कि मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आपको ऑनलाइन या फिर किसी ऑफलाइन दफ्तर में जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसे बनाने के लिए आपकोअपने नजदीकी सर्टिफाई एमबीबीएस डॉक्टर या फिर अपने नजदीकी जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पास जाना होगा।


बलरामपुर और सरगुज़ा में 52 क्रेशर संचालित है, बगैर पिटपास के प्रतिदिन 300 ट्रक चल रहा
बलरामपुर जिले राजपुर, कोटागहना, डिगनगर, गागर नदी, बघिमा, बरियों, भिलाई, भेस्की, चंगोरी, धौरपुर आदि में करीब 52 क्रेशर संचालित है। क्रेशरों से प्रतिदिन करीब 300 ओवर लोडिंग ट्रक बगैर पिटपास के सरगुज़ा सहित यूपी, झारखंड, बिहार भेजा जा रहा है। एक वाहन का पिटपास करीब 5000 रुपए है प्रतिदिन 300 ट्रक का 15 लाख एक माह में 45 करोड़ रुपए की सरकार को हर माह नुकसान पहुंचाया जा रहा है। 
पस्ता थाना में ज़ब्त ओवर लोड़ वाहन की वजन कराई जा रही है। वजन के बाद फाइन औऱ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब कोई भी वाहन बिना पिटपास, फिटनेस फेल, ओवर लोड़, बिना इंश्योरेंस के सड़क पर नही चल पाएंगे।प्रशांत कतलम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आपरेशन बलरामपुर।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!