बलरामपुर: डीएवी नेशनल स्पोर्ट्स मीट – 2022 का संभाग स्तरीय आयोजन का धुआँधार आगाज़ हुआ। संभाग स्तरीय स्पोर्ट्स मीट, 2022 के इस महाकुंभ में 24 डीएवी स्कूलों से आए बच्चे खेल के प्रति अपने जुनून व उत्साह का जौहर दिखाने को बिल्कुल तैयार दिखे।

ग़ौरतलब है कि गाँधी स्टेडियम, अम्बिकापुर में व्यापक पैमाने पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के शुरूआती हिस्से में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम (स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन), बतौर विशिष्ट अतिथि अमरजीत भगत (खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी तथा संस्कृति मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन), कुंदन कुमार (कलेक्टर, सरगुजा), प्रशांत कुमार (उप-क्षेत्रीय अधिकारी, डीएवी), मोल्लका मुखर्जी (सहायक उप-क्षेत्रीय अधिकारी, डीएवी) की गरिमामयी उपस्थिति बनी रही। इस कार्यक्रम के प्रारंभिक सफ़र में विभिन्न डीएवी स्कूलों से आए बच्चों ने मार्च पास्ट परेड में हिस्सा लेकर सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों के सम्मान में सलामी पेश किया। तत्पश्चात्, मशाल प्रज्ज्वलित करके खेल महाकुंभ का विधिवत् आगाज़ किया गया।



मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे डॉ. प्रेमसाय सिंह ने अपने उद्बोधन में बच्चों का हौसला अफ़जाई करते हुए कहा कि युवा कुछ कर गुज़रने का जुनून व साहस का पर्याय होता है।युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है।खेलकूद शिक्षा का अनिवार्य अंग है। अच्छी शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास करना है ।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अमरजीत भगत ने अपने उद्बोधन में खेलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है।हमें अपनी शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक गतिविधियों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने प्रतिभागी बच्चों को ख़ूब आगे बढ़ने का प्रेरणारूपी आशीर्वाद दिया।



छत्तीसगढ़ डीएवी विद्यालयों के उप-क्षेत्रीय अधिकारी, प्रशांत कुमार ने अपने महत्वाकांक्षी उद्बोधन में संभाग स्तरीय स्पोर्ट्स मीट 2022 के आयोजन की सफलता की शुभकामनाएँ देते हुए समस्त प्रतिभागी बच्चों को हौसला दिया तथा उन्होंने इस शानदार आयोजन को साकार करने के पीछे 24 डीएवी स्कूलों के समस्त प्राचार्यों, शिक्षकों, स्थानीय प्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों की मेहनत को सराहा और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता ज़ाहिर किया।साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एस.जी.एफ.आई) भी बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करेगा तथा उन्हें उनके क्षेत्र में आगे के लिए हर संभव मदद भी देगा, जैसा की संस्था का मूल उद्देश्य रहा है। एस.जी.एफ.आई का मुख्य दृष्टिकोण भारत में एक मजबूत, जीवंत और समग्र शारीरिक शिक्षा और स्कूली खेल गतिविधियों की व्यवस्था करना है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को भारत में खेल क्षेत्र को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

इस खेल की शुरुआत आठ सौ मीटर तथा दो सौ मीटर दौड़ से हुई। इसके पश्चात् शॉटपुट, लौंग जम्प, कबड्डी, बैडमिंटन, रिले रेस, कबड्डी इत्यादि के खेलों में बच्चों ने अपनी प्रतिभा का ख़ूब प्रदर्शन किया।

बेशक, खेल जीवन में अनेक परेशानियों और तनावों के मुक्ति का ज़रिया है शिक्षा में खेलकूद उतने ही आवश्यक हैं, जितना पढ़ाई के लिए पुस्तकें

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