अंबिकापुर: सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड के ग्राम पलगड़ी में अवैध गमला भट्ठे में एक मजदूर दंपति की संदिग्ध मौत से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। दारिमा और लखनपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। इस घटना ने अवैध गमला भट्ठों के खतरों और प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार पलगड़ी निवासी कलिंदर अगरिया (30) और उनकी पत्नी सुंदरी अगरिया (25) पिछले दो महीनों से गांव के एक अवैध गमला भट्ठे में ईंट बनाने का काम कर रहे थे। शनिवार, 28 दिसंबर की रात, दोनों दंपति अपने बच्चों हीरालाल (12) और मोतीलाल (8) को घर पर छोड़कर भट्ठे पर सोने गए। बताया जाता है कि तिरपाल के तंबू के नीचे उन्होंने आग जलाकर रात बिताई। सुबह जब उनके दोनों बच्चे माता-पिता को बुलाने भट्ठे पर पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि उनके माता-पिता अचेत अवस्था में पड़े हैं। बच्चों ने तत्काल घर पहुंचकर परिवार को घटना की जानकारी दी। परिवार ने सरपंच को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस को बुलाया गया।
लखनपुर और दरिमा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा किया। पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
गांव में अवैध गमला भट्ठे का संचालन
ग्राम पलगड़ी में पिछले दो वर्षों से अवैध ग़मला भट्ठों का संचालन हो रहा है। स्थानीय निवासी कल्याण सिंह और सेवक राम द्वारा इन भट्ठों का संचालन किया जा रहा है, जहां अवैध कोयले का उपयोग कर ईंटें बनाई जाती हैं। इन ईंटों को ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा कमाया जा रहा है। इसके साथ ही, प्रशासन को राजस्व का भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा
कई गमला भट्ठे शासकीय जमीन पर संचालित हो रहे हैं। इन भट्ठों में कोयला बाइकर गैंग के माध्यम से पहुंचाया जाता है। अवैध गतिविधियों के चलते पर्यावरण और मानव जीवन दोनों को गंभीर खतरा है।
यह घटना प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। क्षेत्र में अवैध भट्ठों पर कार्रवाई की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए। इस घटना ने प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह तुरंत इन भट्ठों पर कार्रवाई करे और ऐसे हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। पलगड़ी में हुई इस दर्दनाक घटना ने अवैध गमला भट्ठों के खतरों को उजागर किया है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस घटना की गंभीरता को समझते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही, अवैध रूप से संचालित हो रहे भट्ठों को बंद कर, क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करे।