जगदलपुर: शक्ति के क्षेत्र में मर्यादा भी सम्माननीय ।वैसे तो बस्तर में शिव और शक्ति की उपासना होती है किंतु मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भी उनके आराध्य हैं ।इसी अवधारणा के तहत बड़ी लग्न , श्रद्धा और भक्तिभाव से यहां की आदिवासी महिलाओं ने रामलला को अर्पित करने के लिए विश्व प्रसिध्द बस्तर के कोसे की साड़ी में राम दरबार उकेरा है और इनकी अभिलाषा है कि यह रामलला को अर्पित हो। आदिवासी महिलाओं की भावनाओं से अवगत हुए कलेक्टर ने यह भेंट अयोध्या पहुंचवाने का बीड़ा उठाया है।

बस्तर से श्रीराम का विशेष जुड़ाव इतिहास में नजर आता है।
ऐसे में इस खास और पावन मौके पर कोई भेंट न जाए, यह कैसे मुमकिन था। यही वजह थी कि आदिवासी बुनकरों ने कोसे की साड़ी में राम दरबार उकेरा और अब यह भेंट रामलला तक भिजवाने की व्यवस्था भी हो चुकी है।
बुनकर भावुक हैं और अब रामलला के दर्शन को आतुर नजर आ रहे हैं।



खास बात यह है कि इस साड़ी में जो राम दरबार उकेरा गया है, वह कोसे के ही धागे से तैयार किया गया है। साड़ी की लंबाई सवा 6 मीटर है और सिध्दहस्त हाथों ने इसे 7 ही दिन में तैयार किया है।

बस्तर जिला प्रशासन अब यह भेंट विशेष बक्से में अयोध्या भिजवाने की व्यवस्था कर रहा है ताकि समय से पहले यह भेंट अयोध्या तक पहुंच जाए।

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