सूरजपुर: प्रदेश में सरकारी कर्मचारयों के आंदोलन का आज दसवां दिन है। शासन के रुख से हड़ताली कर्मचारियों में निराशा है। पिछले 10 दिनों से धरना पंडाल में कर्मचारी अधिकारी डटे हुए है। 34 फीसदी महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान पर गृहभाड़ा की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन बैनर तले प्रदेश के लगभग 4 लाख से अधिक कर्मचारी अधिकारी 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर है। पिछले दो चरणों को मिलाकर 15 दिन आंदोलन को हो गई है लेकिन अभी तक सरकार कर्मचारियों के मांगों और आंदोलन को समाप्त करवाने के सम्बन्ध में कोई पहल नहीं कर रही , जो निराशाजनक है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक अनिल मिश्रा ने कहा कि अभी तक प्रदेश के समस्त कर्मचारी और अधिकारीयों के द्वारा दो चरणों में 15 दिन आंदोलन करते हो गया है , जिससे सरकार को भी आर्थिक नुकसान उठाना पद रहा है। इतने दिन के आंदोलन में राज्य सरकार को जो आर्थिक हानि हुई है उनसे तो कर्मचारियों की मांग भी पूरी हो जाती। आज माननीय मुख्यमंत्री जी ने कर्मचारियों को अपने काम पर लौटने की अपील की है।हम माननीय मुख्यमंत्री से हम सब भी अपील कर रहे है कि वे हमारी मांगों का निराकरण कर दें हम सब अपने काम पर लौट आएंगे।हमें भी कामकाज ठप्प होने से आम जनता व बच्चों की पढ़ाई का हो रहे नुकसान का दुख है।हम भी हड़ताल में बैठे रहना नहीं चाहते।हम भी अपने काम पर लौटना चाहते हैं।आज सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष जी ने भी आंदोलन स्थल पर आकर अपना समर्थन दिया,उन्होंने ने कहा कर्मचारियों की मांग जायज है सरकार को तत्काल उनकी का निराकरण करना चाहिए।आज भी राजधानी रायपुर के साथ पुरे प्रदेश के तहसील , ब्लाक एवं जिला मुख्यालय में आंदोलन जारी है।