सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में  तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले में विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सुकमा डीएफओ अशोक पटेल को निलंबित कर दिया है, उन पर साल 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता बोनस राशि में गड़बड़ी किए जाने का आरोप है, शिकायत के बाद बोनस राशि के भुगतान में प्राथमिक जांच में सुकमा डीएफओ की संदिग्ध भूमिका पाई गई, ऐसे में विभाग ने एक्शन लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव की ओर से यह आदेश जारी हुआ है, जारी आदेश के मुताबिक निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय प्रधान मुख्य संरक्षक, अरण्य भवन नया रायपुर निर्धारित किया गया है,  इधर इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है।

नगद राशि मे किया गया खेल

जानकारी के मुताबिक सुकमा वन मंडल के अंतर्गत तेंदूपत्ता सीजन साल 2021 में 15 समिति और साल 2022 में 10 समिति में 6 करोड़ 54 लाख 71 हजार 902 बोनस के रूप में राशि प्राप्त हुई थी, जिसे सुकमा वन मंडल के करीब 66 हजार संग्राहकों को भुगतान किया जाना था, उक्त राशि को बीते अप्रैल में ही समिति प्रबंधकों ने आहरण कर लिया और 8 महीने तक इसका भुगतान संबंधित संग्राहकों को नहीं किया, नक्सलवाद और संवेदनशीलता का हवाला देकर वन विभाग के अधिकारियों ने करीब 3 करोड़ 62 लाख 78 हजार 881 बोनस की राशि का वितरण नगद करने के लिए विशेष अनुमति ली, इसी नगद भुगतान में समिति प्रबंधकों ने खेल कर दिया, साथ ही बैंक खाताधारक संग्राहकों को भी निर्धारित राशि नहीं दी गई, उक्त मामले की जानकारी पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को मिलते ही इसकी शिकायत कलेक्टर सुकमा से की गई, जिसके बाद एसडीओ स्तर के अधिकारियों से मामले की जांच कराई गई जिसमें डीएफओ सुकमा अशोक पटेल प्रारंभिक जांच में देषी पाए गए, सालों से चले आ रहे तेंदूपत्ता घोटाले में वन विभाग ने पहली बार आईएफएस स्तर के अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की है।

दो साल के बोनस में, प्रबंधकों ने केवल एक साल की राशि बांटी…

जिम्मेदार समिति प्रबंधकों ने वन विभाग के आला अधिकारियों को विश्वास में लेकर तेंदूपत्ता बोनस घोटाले को अंजाम दिया है, विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो साल के बोनस राशि में प्रबंधकों ने केवल एक साल का ही भुगतान किया, वो भी आधा अधूरा, वन मंडल सुकमा के कोंटा, किस्टाराम और गोलापल्ली वन परिक्षेत्र में कई फर्जी संग्राहकों के नाम पर भुगतान दिखाया गया हैे, जांच के दौरान अधिकारियों ने इसे पकड़ा, कई ऐसे संग्राहकों को भी राशि दी गई है जिनकी मृत्यु कई साल पहले हो गई,  नक्सलवाद के आड़ में बीते कई सालों से तेंदूपत्ता बोनस की राशि में खेल किया जा रहा है… हालांकि बताया जा रहा है कि  जांच में और भी अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही हो सकती है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!