सूरजपुर: राम नवमी और अक्षय तृतीया को बिना मुहुर्त के विवाह करने की परंपरा को देखते हुए जिला कलेक्टर  रोहित व्यास ने महिला एवं बाल विकास विभाग सहित सभी मैदानी प्रशासनिक तन्त्र को बाल विवाह नही होने देने हेतु सख्त निर्देश दिये हैं। परिणामतः जिला कार्यक्रम अधिकारी  रमेश साहू ने कलेक्टर द्वारा बनाये गये उड़न दस्ता टीम को अक्षय तृतीया के दिन होने वाले विवाहो की जांच करने और बाल विवाह होने की स्थिति मे तत्काल रोकने हेतु कहा है, पूर्व में कलेक्टर द्वारा राम नवमी और अक्षय तृतीया हेतु विशेष उड़न दस्ता का गठन विकासखण्ड वार किया गया है, जिसमें समस्त तहसीलदार/नायब तहसीलदार, समस्त परियोजना अधिकारी संयोजक, थाना प्रभारी / चौकी प्रभारी, जिला बाल संरक्षण ईकाई के अधिकारी कर्मचारी, चाईल्ड लाईन के सदस्य, समस्त पर्यवेक्षक क्षेत्र के सरपंच/सचिव एवं क्षेत्र के आंगनबाडी कार्यकर्ता को सदस्य बनाया गया है।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बताया कि पिछले रामनवमी के आस पास के मुहुर्त में जिले में 42 बाल विवाह रोक दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त 4 बाल विवाह हो जाने के कारण । प्रकरण में अपराध पंजी बद्ध कर दिया गया है और 3 प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध करने हेतु सम्बन्धित थानों में प्रतिवेदन दे दिया गया है, बहुत जल्द उक्त तीनों प्रकरण में भी अपराध पंजीबद्ध हो जायेगा। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि पूर्व मे रोके गये बाल विवाहों का फॉलो अप लिया जायेगा और जो भी बाल विवाह सम्पन्न होने की जानकारी मिलेगी सभी में बाल विवाह प्रतिरोध अधिनियम के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध किया जायेगा। बाल विवाह प्रतिशोध अधिनियम 2006 के अनुसार यदि कोई बाल विवाह करता है, अनुमति देता है, सहयोग करता है, या सम्मलित होता है तो सभी के उपर अपराध पंजीबद्ध होगा और सभी के उपर अधिनियम के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होने जिले वासियो से, समाज प्रमुखो से अपील किया है कि जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने में प्रशासन का सहयोग करें।

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