सूरजपुर: कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट के सभागार में जिला सहकारी विकास समिति की प्रथम बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर जिले में गठित सहकारी विकास समिति के कार्यों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने जिले में प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के आधुनिकीकरण, जन औषधि केन्द्र की स्थापना, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र की स्थापना, प्राथमिक कृषि सहकारी समिति को सामान्य सेवा केन्द्र के रूप में विकसित करने, अनाज संग्रहण भण्डार की स्थापना के संबंध में चर्चा कर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने जिले में संचालित मत्स्य सहकारी समितियों तथा दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के पंजीयन के लिए निर्देशित किया ताकि मत्स्य पालकों और पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि हो सके। उप पंजीयन सहकारिता विभाग एवं संयोजक ने बताया कि प्रधानमंत्री के सहकार से समृद्धि के विजन को साकार करने के लिए केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा कई महत्वपूर्ण नवीन योजनाएं शुरू की गयी है। इसी क्रम में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तर पर जिला सहकारी विकास समिति एवं राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य सहकारी विकास समिति का गठन किया गया है। जिला सहकारी विकास समिति द्वारा सहकारी आन्दोलन के सुदृढीकरण एवं जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच को बढ़ाने हेतु कार्य किया जाएगा। इसके अंतर्गत भारत सरकार के निर्देशानुसार आदिम जाति सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण का कार्य, नेशनल को-ऑपरेटिव डाटाबेस को अपडेट करने, नई बहुउद्देशीय पैक्स या प्राथमिक डेयरी एवं फिशरीज सहकारी समितियों के गठन के लिये कार्य योजना बनाने, सभी ग्राम पंचायतों को नई बहुउद्देशीय पैक्स या प्राथमिक डेयरी एवं फिशरीज सहकारी समितियों के गठन के लिये योजना बनाने, समितियों में अनाज भण्डारण केन्द्र, पेट्रोल डीजल पम्प की स्थापना, लोक केन्द्रों की स्थापना, जन औषधि केन्द्रों की स्थापना, कृषक उत्पादक संगठन की स्थापना, वर्तमान में कार्यरत एवं नई समितियों का जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं राज्य सहकारी बैंक और उनसे संबंधित जिला ब्लॉक संघों के साथ सांमजस्य स्थापित करने, जन औषधि केन्द्र स्थापित करने, अनाज भण्डारण इकाई स्थापित करने, भारत सरकार विभिन्न योजनाओं के लिये पैक्स स्तर तक सांमजस्य स्थापित करवाने का कार्य किया जाएगा, ताकि वह सक्षम एवं गातिमान आर्थिक इकाई बन सके। जिला सहकारी विकास समिति प्राथमिक सहकारी समितियों को ग्राम पंचायत एवं ग्राम स्तर तक सभी आवश्यक आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ सभी हितधारकों के साथ समन्वय और जमीनी स्तर तक कार्ययोजना के क्रियान्वयन के लिये कार्य करेगी।

सहकारिता विभाग के आगामी नवाचारों में सहकारिता नीति निर्माण तथा राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना करना शामिल है. देश भर में सहकारिता आंदोलन के क्षेत्र में काम कर रहे जन प्रतिनिधियों, सहकारिता विभाग से जुड़े हुए अधिकारियों तथा सहकारी समितियों के कार्मिकों के शिक्षण प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय बनाना प्रस्तावित है, जिसके माध्यम से सहकारी क्षेत्र में कुशल श्रम शक्ति का निर्माण किया जा सकेगा इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर सहकारिता नीति के निर्माण के लिए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया गया है। पूरे देश भर में लगभग 8.50 लाख सहकारी संस्थाएं कार्यरत हैं। जिसके सदस्यों की संख्या लगभग 29 करोड़ तक है। ये संस्थाएं कृषि, दुग्ध, मत्स्य के उत्पादन विपणन के साथ ही किसानों को ऋण उपलब्ध कराने, एग्रो प्रोसेसिंग, हाउसिंग, हैंडलूम संबंधित विविध कार्य कर रही है।

बैठक में जिला पंचायत सीईओ लीना कोसम, अपर कलेक्टर नयनतारा सिंह तोमर, उप संचालक कृषि प्रदीप एक्का, सहायक संचालक मत्स्य पालन मोहर साय सानेवानी, उप संचालक पशुपालन नरेन्द्र सिंह, नोडल अधिकारी डीसीसीबी परिहार, डीडीएम नाबार्ड तिवारी समेत समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे

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