बलरामपुर: महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अनैतिक व्यापार/महिलाओं तथा बच्चों की ट्रेफकिंग की रोकथाम हेतु जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अनैतिक व्यापार/महिलाओं तथा बच्चों की ट्रेफकिंग की रोकथाम की जानकारी महिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को दी गई।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला को जिला पंचायत सदस्य व स्वास्थ्य एवं महिला बाल कल्याण समिति की सभापति गीता सोन्हा ने संबोधित करते हुए कहा कि मानव व्यापार पूरे विश्व में फैल चुका है, जो कि मानव जाति के लिए एक अभिषाप है, मानव व्यापार को रोकने के लिए हमे सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक जनजागरूकता लाना होगा, ग्रामीणों को मानव व्यापार के अभिषाप के संबंध में जानकारी भी देना होगा, हमें मानव व्यापार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जो कि हम महिलाओं के लिए चिन्ता का विषय है, हमें महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना है। कार्यशाला को महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी जे.आर.प्रधान ने संबोधित करते हुए कहा कि अशिक्षा, गरीबी एवं भौतिकवादी संस्कृति के कारण मानव तस्करी बढ़ी है, तथा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर बड़ी आसानी से मानव व्यापार का शिकार होते जा रहे हैं, ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इस व्यापार का शिकार हो रहे हैं, खास कर महिलाओं का मानव व्यापार अधिक हो रहा है, जो महिलाओं के लिए चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर व लालच देकर दूसरे स्थानों में ले जाकर बंधक बना लिया जाता है, इसलिए हमें मानव व्यापार को रोकना होगा। कार्यशाला को अधिवक्ता इरानी विश्वास व चांददेव कुशवाहा तथा पुलिस विभाग से सहायक उप निरीक्षक मंजुरानी तिवारी, बाल गृह के संचालक प्रभाकर द्विवेदी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार गुप्ता ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में डायल 1098, बाल संरक्षण अधिनियम, बाल यौन शोषण तथा महिलाओं के अधिकारों के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।

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