सूरजपुर: 14 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस का जिला स्तरीय आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में विद्यालय, महाविद्यालय स्तर पर प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों के मध्य रंगोली पोस्टर निर्माण निबंध प्रतियोगिता कराई गई, इसके साथ ही निर्वाचन कार्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली व्यक्तियों (अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक और असिस्टेंट प्रोफेसर इत्यादि) को पुरस्कृत भी किया गया। जिला स्तरीय आयोजन के अलावा पंचायत स्तर पर व तहसील स्तर पर भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


कलेक्टर ने सर्वप्रथम उपस्थित सभी जनों को राष्ट्रीय मतदाता दिवस और अन्नदान के महापर्व छेरछेरा पुन्नी की बधाई दी। इसके पश्चात उन्होंने अपने उद्बोधन में भारत के पहले चुनाव (1952) की कहानी साझा की। जिसमें उन्होंने बताया कि आजाद हुए इतने बड़े लोकतांत्रिक देश में सफलतापूर्वक चुनाव का संपादन कैसे होगा इस पर सभी को आशंका थी परंतु सभी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए भारत ने ना केवल सफल चुनाव का आयोजन किया बल्कि कई ऐतिहासिक कदम भी उठाए। उन्होंने आगे बताया कि मार्च 1950 में सुकुमार सेन को देश का पहला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया । 02 साल बाद 1952 में एक साथ राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनाव करवाये गए। भारत में यूनिवर्सल एडल्ट फ्रेंचाइजी यानी वयस्क मताधिकार के आधार पर आम चुनाव कराने का फैसला लिया गया और महिलाओं को भी मताधिकार में शामिल किया गया जो कि अपने आप में एक क्रांतिकारी कदम था। अपने वक्तव्य में उन्होंने आगे प्रत्येक मत का महत्व बताते हुए शीघ्र 18 वर्ष पूर्ण करने वाले और पूर्ण कर चुके नव मतदाताओं को मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने सशक्त लोकतंत्र के निर्माण के लिए उपस्थित जनों द्वारा अपने मताधिकार का उपयोग करने और दूसरों को प्रोत्साहित करने की बात भी कही।


इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ लीना कोसम व अन्य संबंधित आधिकारी उपस्थित थे।

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