61 प्रधानमंत्री आवास को बताया पूर्ण, किंतु कुछ हितग्राहियो की नींव तक नहीं खुदी

बलरामपुर।बलरामपुर जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में कोरिया के भाजपा विधायक भैयालाल राजवाड़े ने राज्य सरकार के एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों पर चर्चा की। उन्होंने विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में सुशासन और विकास के सफल प्रयासों की सराहना की। इस दौरान सरकार के रिपोर्ट कार्ड को पेश करते हुए उन्होंने जनता के बीच विश्वास और आशा का माहौल बनाने का प्रयास किया। प्रेसवार्ता के बीच भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सोनी ने प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत भंनौरा में वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूर्ण बताए जा रहे 61 आवास में 30 से 34 आवास सिर्फ कागजो में ही पूर्ण हुए है, जबकि वास्तविकता की धरातल पर कुछ हितग्राहियों के आवासों की नीव तक नहीं खुदी गई है।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सोनी ने इसकी
लिखित शिकायत और हितग्राहियों की सूची जनपद पंचायत के सीईओ को सौपा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 से लेकर वर्ष 2021-22 तक कई आवासों का कार्य पूर्ण होना बताया गया है। इसमें 30 से 35 मकान फर्जी हैं। हितग्राहियों की सूची में कई ऐसे लोग भी हैं, जिनका कोई अता-पता नहीं है। कई हितग्राहियो के नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ है, किंतु मौके पर कोई भी आवास नहीं है। इस योजना के तहत कई ऐसे अपात्र लोगों के आवास भी स्वीकृत किए गए हैं और योजना की राशि का आपस में बंदर बांट कर लिया गया है। इस वर्ष प्रधानमंत्री आवास के लिए आए 193 आवेदनो में 17 आवेदन अपात्र करते हुए 176 आवेदनो को पात्रता दी गई है। इन पात्र तथा अपात्र हितग्राहियो के कागजों की भी जांच होनी चाहिए, ताकि यह आवास भी भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ सके। जिला मुख्यालय के ग्राम पंचायत भंनोरा की यह स्थिति है तो दूरस्थ ग्राम पंचायतो के आवास योजना की स्थिति का सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ने शिकायत की कॉपी प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रदेश के पंचायत मंत्री को भेज कर संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध केस दर्ज कर राशि की वसूली करने की मांग की है।

क्या अधिकारी भी है संलिप्त

भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सोनी ने कहा कि ग्राम पंचायत भनौरा में ही जिला प्रशासन के सारे आला अफसर बैठते है, लेकिन अभी तक इस ओर किसी का ध्यान नही गया है। लगता है कि इस भ्रष्टाचार में प्रशासन के अफसर व कर्मचारी संलिप्त है। यदि उनकी संलिप्तता नही रहती तो उनकी नाक के नीचे हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में इतना बड़ा भ्रष्टाचार नही होता।

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