रायपुर: छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड हाट परिसर, पंडरी में आयोजित दस दिवसीय हस्तशिल्प एवं हाथकरघा वस्त्रों की ‘‘दीपावली महोत्सव’’ राजधानी वासियों को लुभा रही है। त्यौहार के सीजन में 21 अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाएं यहां पर जमकर खरीददारी कर रही हैं। ‘‘दीपावली महोत्सव’’ में लोगों को उनकी पसंद के अनुरूप छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वस्त्र, हस्तशिल्प कलाकृतियां, गृह-उपयोगी एवं घरेलू साज-सजावट की सामग्री सस्ते व किफायती दामों पर उपलब्ध है। यहां पर छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प कलाकृतियां और हाथकरघा के पारंपरिक परिधानों का अनुपम संग्रह बिक्री के लिए मौजूद है। प्रदर्शनी में अब तक 22 लाख रूपए से भी अधिक की सामग्रियों की बिक्री हो चुकी है।
गौरतलब है कि 12 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलने वाले इस ‘‘दीपावली महोत्सव’’ में सुप्रसिद्ध शिल्पकला, हाथकरघा वस्त्र और साज-सज्जा की सामग्रियां का अनूठा संग्रह प्रदर्शन-सह-विक्रय के लिए उपलब्ध है। इस दस दिवसीय ‘‘दीपावली महोत्सव में हस्तशिल्पकारों और बुनकरों के उत्पादों को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। ‘‘दीपावली महोत्सव’’ में आने वाले लोग खरीददारी के साथ-साथ यहां बने फूड जोन में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुफ्त उठा रहे हैं। ‘‘दीपावली महोत्सव’’ आम लोगों के लिए प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली रहेगी। इस महोत्सव में अब तक हस्तशिल्प विकास बोर्ड के साढ़े आठ लाख रूपए, माटीकला के 1.35 लाख रूपए, खादी बोर्ड के 36 हजार, बुनकर समिति के 10.48 लाख रूपए और अन्य राज्यों के स्टॉलों में 1.54 लाख रूपए से अधिक के उत्पादों की बिक्री हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ हाट परिसर में लगे प्रदर्शनी में 81 से भी अधिक स्टॉल लगाएं गए हैं। इसमें छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प ढोकरा शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, शीसल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प और छिंद कांसा के शिल्पकला एवं हाथकरघा वस्त्रों में कोसे की साड़ियां, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल, बेडशीट एवं विभिन्न प्रकार की रेडीमेड वस्त्र, माटी शिल्प, खादी बोर्ड और बिलासा के स्टाल 71 स्टॉल और अन्य प्रदेशों के 10 स्टॉल शामिल हैं।