अंबिकापुर: सरगुजा सोसाइटी फॉर फास्ट जस्टिस के अध्यक्ष तथा आरटीआई एक्टिविस्ट और सामजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता डी. के. सोनी ने छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिलों में उपभोक्ताओं के शिकायतों पर सुनवाई लगभग 20 माह से बंद होने और जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश आयोग में रिक्त अध्यक्षों और सदस्यों के पद को प्राथमिकता के साथ नहीं भरे जाने के कारण पीड़ित उपभोक्ताओं और विधि व्यवसाय से जुड़े अधिवक्ताओं को हो रही परेशानी के देखते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सरगुजा अम्बिकापुर के दो दिवसीय लिंक कोर्ट में बैकुंठपुर से शामिल होने आये अध्यक्ष को छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपकर जिले में हो रही उपभोक्ताओं की परेशानी से अवगत कराया साथ ही रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम भी ज्ञापन सौंपकर 10 दिवस के भीतर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के माध्यम से नियुक्ति करने का निवेदन किया और अगर 10 दिवस के भीतर अम्बिकापुर जिला उपभोक्ता आयोग में पूर्व की भांति नियमित सुनवाई प्रारंभ नहीं होगी तो जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष धरना देने पर विवश होने का कथन भी किया है.
सरगुजा सोसाइटी फॉर फास्ट जस्टिस के अध्यक्ष तथा आरटीआई एक्टिविस्ट और सामजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता डी. के. सोनी ने अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन में यह दुःख जाहिर किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के नियमित सुनवाई हेतु गठित प्रमुख जिला उपभोक्ता आयोग बिलासपुर, सरगुजा अम्बिकापुर, राजनंदगांव एवं धमतरी सहित कुल 6 जिलों में लगभग 20 माह से पीड़ित उपभोक्ताओं के शिकायतों पर सुनवाई नहीं हो रही है और कहीं कहीं सुनवाई बुरी तरह प्रभावित भी है, जबकि अध्यक्ष और सदस्यों हेतु जनवरी 2022 में चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जिसमें से सभी चयनित अध्यक्ष और 13 में से 5 जिलों के लिए सदस्यों की नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए हैं परन्तु सरगुजा सहित 6 जिलों में नियुक्ति को प्राथमिकता नहीं देने से पीड़ित उपभोक्ताओं की लगातार उपेक्षा हो रही हैं.
जनवरी 2022 में साक्षात्कार के पश्चात् सरगुजा सहित 6 जिलों की नियुक्ति 9 माह से रुकी है जिससे सरगुजा और बलरामपुर जिले के लिए एक मात्र जिला उपभोक्ता आयोग में पीड़ित उपभोक्ताओं के समक्ष गंभीर न्यायिक समस्या खड़ी हो गई है जिसमें समयावधि के तहत मामले की सुनवाई प्रारम्भ होना, क्षेत्राधिकार के कारण पीड़ित उपभोक्ता अन्य न्यायलय में भी मामले की सुनवाई हेतु आवेदन नहीं कर सकते हैं, ऐसे मामले जिनमे डिक्री धारक जिन्हें विरोधी पक्षकार से क्षतिपूर्ति प्राप्त करनी भी है तो पीड़ित उपभोक्ता निष्पादन की कार्यवाही नहीं होने डेढ़ वर्ष से न्यायलय से क्षतिपूर्ति पाने इंतजार में हैं. अम्बिकापुर जिला उपभोक्ता आयोग में पूर्व से ही सैकड़ों मामलें लंबित हैं और अब नए मामलों का अम्बार सुनवाई के अभाव में बढ़ता जा रहा है जिससे बिचौलिए अनावश्यक लाभ लेकर न्याय व्यवस्था से अलग मामलों का निपटारा करने हेतु अनुचित दबाव पीड़ित उपभोक्ताओं पर बना रहे हैं.
कई माह पूर्व से दो दिन के लिए लिंक कोर्ट अम्बिकपुर में आयोजित होती है परन्तु उसमें भी केवल माननीय अध्यक्ष महोदय के होने से भी कोरम पूरा नहीं हो रहा है जिसके कारण सुनवाई होना तो दूर ग्रहता पर विचार भी नहीं हो रहा है.आरटीआई एक्टिविस्ट और सामजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता डी. के. सोनी ने ज्ञापन में कहा है कि एक तरफ जहाँ छत्तीसगढ़ राज्य 1 नवम्बर को अपना 22 वाँ स्थापना दिवस मानाने जा रहा है वहीँ सरगुजा जैसे आदिवासी और वनांचल बाहुल जिले का दुर्भाग्य है कि उपभोक्ताओं के न्याय के लिए 18 वर्ष पहले स्थापित अंबिकापुर जिला उपभोक्ता फोरम जो अपने स्थापना काल से न्याय दिलाने हेतु निरंतर कार्यरत रहा है वह वर्तमान समय में रिक्त पदों पर नियुक्ति में उपेक्षा का शिकार होने के कारण लगभग 20 माह से पीड़ित उपभोक्ताओं के सुनवाई कर पाने में असमर्थ है.
जिसे लेकर समय समय पर समाचार पत्रों के द्वारा बार बार इस मुद्दे प्रमुखता से स्थान दिया गया है और शासन को वर्तमान परिस्थियों और पीड़ितों की व्यथा से भी अवगत कराया गया है इसके साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सु मोटो पीआईएल 2/2021 के अंतर्गत सुनवाई कर रही है जिसमें छत्तीसगढ़ में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति में धीमी प्रक्रिया अपनाये जाने को लेकर कोर्ट की तल्ख़ टिपण्णी के बावजूद छत्तीसगढ़ के कई जिला आयोगों में लगभग 20 माह से अध्यक्ष और सदस्य के पद रिक्त है और सरगुजा की भोली भाली जनता न्याय के लिए परेशांन है. वर्तमान परिस्थितियों में पीड़ित उपभोक्ताओं की सुनवाई बंद है, जिसके कारण पीड़ित उपभोक्ताओं सहित विधि व्यवसाय से जुड़े अधिवक्ता और आमजन भी परेशान हैं.
आरटीआई एक्टिविस्ट और सामजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता डी. के. सोनी ने प्रधानमंत्री से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के भर्ती की पद्धति और नियुक्ति की प्रक्रिया, नियम, 2020 के नियुक्ति की प्रक्रिया कंडिका 6 में नियुक्ति आदेश जारी किये जाने हेतु समयावधि का प्रावधान किये जाने की मांग भी की है जिससे नियुक्ति की प्रक्रिया कंडिका 6 (4) के अनुसार पद रिक्त होने से कम से कम 6 माह पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ किये जाने का उपभोक्ता हितों के लिए सकारात्मक उद्येश्य पूरा हो सके और नए कानून उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतर्गत सरगुजा जिले सहित छत्तीसगढ़ में उपभोक्ता के शिकायतों की सुनवाई के लिए बंद जिला उपभोक्ता आयोग में रिक्त अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति शीघ्रातिशीघ्र हो सके तथा पीड़ित उपभोक्ताओं की शिकायतों पर सुनवाई सुचारू रूप से प्रारम्भ हो सके और उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिलाई जा सके.